मानेंगे नीतीश? अब गृह विभाग की ओर से IG को जारी हुआ नोटिस, गालीबाज DG पर कोई कार्रवाई नहीं ।।

FB IMG 1676514690334

 क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होमगार्ड औऱ अग्निशन विभाग के आईजी विकास वैभव को निपटा कर ही मानेंगे. अपने विभाग की डीजी पर बिहारियों को गाली देने का आरोप लगाने वाले आईजी विकास वैभव को दूसरी नोटिस जारी कर दी गयी है. पहले गाली देने की आरोपी डीजी शोभा अहोतकर ने उन्हें शो कॉज नोटिस भेजा था. अब नीतीश कुमार के अधीन आने वाले गृह विभाग की ओर से भी विकास वैभव को नोटिस जारी कर दिया गया है. खास बात ये है कि सरकार ने बिहारियों को गाली देने की आरोपी डीजी शोभा अहोतकर के खिलाफ कार्रवाई की बात तो दूर रही उनसे कोई जवाब तक नहीं मांगा है. 

बिहार सरकार के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बाताया कि विभाग की ओर से विकास वैभव को नोटिस जारी कर ये स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने विभागीय बैठक का ब्योरा सार्वजनिक क्यों किया? गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में इसकी पुष्टि की है कि वैभव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. हालांकि उन्होंने ये बताने से इंकार कर दिया कि विकास वैभव को भेजे गये शो कॉज नोटिस में किन बातों का जवाब मांगा गया है. बता दें कि इससे पहले बिहार पुलिस में होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी शोभा अहोतकर ने भी विकास वैभव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. उनसे पूछा गया है कि उन्होंने विभागीय बैठक की बातें क्यों सार्वजनिक की. 

बता दें कि विवाद की शुरूआत करीब एक हफ्ते पहले हुई थी. आईपीएस विकास वैभव ने देर रात ट्वीट कर ये आरोप लगाया था कि उनकी डीजी शोभा अहोतकर उन्हें लगातार गालियां दे रही हैं. होमगार्ड और फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट लिखा था- जब से होमगार्ड और फायर सर्विसेज के IG का पदभार संभाला है तब से DG मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं, परंतु यात्री मन आज वास्तव में द्रवित है.’ इस पोस्ट से प्रशासनिक और राजनीतिक महकमे में खलबली मच गई थी. हालांकि बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था. इसके बाद ही DG ने उन्हें नोटिस जारी किया गया था. नोटिस में उनसे कहा गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया वो IPS सर्विस का उल्लंघन है. इसलिए वे जवाब दें कि उनके खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की जाये. इस बीच विकास वैभव ने 60 दिन की छुट्टी की मांगी थी, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया.

नीतीश ने विकास वैभव को ही कोसा

विकास वैभव ने ट्वीट किया था कि उनके पास डीजी शोभा अहोतकर की गालियों की रिकार्डिंग भी है. विकास वैभव ने आऱोप लगाया था कि शोभा अहोतकर बिहारियों को लगातार गाली दे रही हैं. लेकिन इन तमाम बातों के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास वैभव को ही गलत ठहरा दिया था. नीतीश ने कहा कि विकास वैभव ने विभाग की बात सोशल मीडिया पर लाकर गलत किया है. विकास वैभव को अगर कोई शिकायत थी तो उन्हें अपने आलाधिकारियों से शिकायत करनी चाहिये थी. हालांकि बाद में ये बात भी सामने आयी कि होमगार्ड के कई अधिकारी बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से मिलकर शोभा अहोतकर की गाली गलौज की शिकायत कर चुके थे. लेकिन सरकार ने कोई नोटिस नहीं लिया.

विकास वैभव ने पत्र लिखकर दी थी पूरी जानकारी

तीन दिन पहले आईपीएस विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को लंबी चिट्ठी लिखकर अपने वर्तमान पद से मुक्त करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि वे जिस पद पर काम कर रहे हैं वहां उन्हें गंभीर खतरा हो सकता है. उन्हें अपूरणीय क्षति पहुंचायी जा सकती है. इसलिए सरकार उन्हें मौजूदा पद से मुक्त कर दे. लेकिन सरकार ने पद से हटाने के बजाय उन्हें नोटिस जारी किया है. 

पहले ही दी थी जानकारी

आईजी विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा था- आपके कार्यालय कक्ष में निजी रूप से मिलकर दिसंबर महीने के प्रथम सप्ताह में ही बताया गया था कि डीजी महोदय अत्यंत अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं. निरंतर गाली दी जा रही. मेरी पत्नी के संबंध में अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं. डीजी के अमानवीय दुर्व्यवहार के कारण ही डीआईजी विनोद कुमार कार्यालय कक्ष में बेहोश हो गए थे. लगभग 45 मिनट के बाद वे होश में आये थे. तब से उनकी तबीयत लगातार खराब है. डीजी कई अफसरों को ‘बिहारी’ बोल कर अपमानित करने का प्रयास कर रही हैं और कहती हैं कि बिहारी कामचोर होते है. 

ब्लडी आईजी कहा

IG वैभव ने पत्र में लिखा था- डीजी मैडम ने सभी के सामने मुझे तीन बार ब्लडी IG कहा. डीआईजी विनोद कुमार को अपमानित करके गेट आउट कहकर सभा कक्ष से बाहर निकाल दिया गया. इन कारणों से मैं अत्यंत विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा. बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आई. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए. उसी मनोदशा में देर रात 1:45 एक ट्वीट करने की इच्छा हुई और मैंने ट्वीट कर दिया. परंतु कुछ देर बाद मुझे लगा कि ट्वीट नहीं करते हुए मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए. मैंने ट्वीट को डिलीट कर दिया. ट्वीट डिलीट करने के पश्चात ट्वीट के प्रसारण में मेरी कोई भूमिका नहीं रही है.

विकास वैभव ने लिखा है- राज्य सरकार को मुझे यह अवगत कराना है कि 20 अक्टूबर 2022 को गृह विभाग आईजी होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के पद पर जॉइन करने के बाद मुलाकातों और विभागीय अफसरों की हर बैठक में अनावश्यक, असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए डीजी मैडम मुझे अत्यंत अपमानित करती रही हैं. यह मेरे जैसे कर्तव्यनिष्ठ एवं उत्तरदायी लोकसेवक के लिए बहुत ही बड़ी मानसिक प्रताड़ना रही है.

 24 घंटे में कार्रवाई की अनुशंसा कर दी

विकास वैभव ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि अगले दिन मैं छुट्टी पर निकल गया और बिहार से बाहर था. इससे पहले कि लौट कर आने के बाद मैं अपना स्पष्टीकरण महोदय को समर्पित करता, उनके द्वारा 10 फरवरी को मेरे विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा गया. इसका जवाब मैं शीघ्र समर्पित करूंगा. डीजी द्वारा मुझसे स्पष्टीकरण की मांग की गई, लेकिन इसके लिए कोई रीजनेबल ऑपर्चुनिटी नहीं प्रदान करते हुए मात्र 24 घंटों में अनुपालन की अपेक्षा की गई. इससे प्रथमदृष्टया प्रतीत होता है कि वह यथाशीघ्र मुझे और भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करने तथा युद्ध स्तर पर अन्य प्रकार से दंडित करने की मंशा रखती हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *