खरीक प्रखंड के मध्य स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को तेलघी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में शिफ्ट करने की प्रक्रिया की सूचना ने इलाके में भूचाल ला दिया है। स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले पर ग्रामीणों ने न केवल सवाल उठाए, बल्कि इसके खिलाफ आरपार की लड़ाई छेड़ने का ऐलान कर दिया।
मंगलवार को राजद नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ बंटू और इंजीनियर चंदन यादव के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने पीएचसी पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। हालांकि, पीएचसी प्रभारी डॉ. सुजीत कुमार से मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन इससे ग्रामीणों का हौसला कम नहीं हुआ।
“तेलघी जाना आसान नहीं”
ग्रामीणों का कहना है कि खरीक पीएचसी प्रखंड के केंद्र में स्थित है, जहां हर गांव के लोग दिन-रात बिना किसी परेशानी के पहुंच सकते हैं। लेकिन तेलघी की दूरी और असुविधाजनक रास्ते जनता के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर देंगे। राजद नेताओं ने इस कदम को जनविरोधी बताते हुए कहा, “यह निर्णय जनता के स्वास्थ्य अधिकारों पर कुठाराघात है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
“हर स्तर पर होगा संघर्ष”
ग्रामीणों ने एलान किया है कि पीएचसी को बचाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन होगा। जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर सरकार से इस फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा।
नेताओं और ग्रामीणों की एकजुटता
प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुखिया देवेंद्र यादव, उमेश ठाकुर, दिवाकर यादव, गौरव कुमार, सुमित कुमार, मनखुश कुमार, मोहम्मद रहमान, मोहम्मद खुर्शीद और रामजोत राय जैसे प्रमुख चेहरे मौजूद रहे। इन सभी ने एक स्वर में कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि स्वास्थ्य सेवाएं सबके लिए सुलभ रहें। पीएचसी को हटाना किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
ग्रामीणों का यह विरोध सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक गंभीर संदेश है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस आक्रोश का जवाब कैसे देता है। क्या जनता की मांगें सुनी जाएंगी, या यह आंदोलन और बड़े स्तर पर उभर कर सामने आएगा?