भीषण ठंड में प्रसवी महिला को लेकर नहीं है कोई समुचित व्यवस्था, मजबूरन ठंड में बिता रही रात ।।

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श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से

खगड़िया जिले के सीएचसी परबत्ता में ठंड में ठिठुर रहे मरीज, नहीं है कंबल और चादर की समुचित व्यवस्था। वर्तमान समय में भीषण ठंड के समय में विभिन्न जगहों पर अधिकतम और न्यूनतम पारा हर दिन घटते जा रही हैं। इतना हीं नहीं कोहरा और शीतलहर भी अपनी असर से आम जनों को पड़ेशान करने शुरू कर दिए हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश सीएचसी परबत्ता में मरीजों को इन दिनों ठंड से राहत हेतु कंबल तक नहीं मिल रहा हैं। जबकि कई बेड पर चादर भी नसीब नहीं हैं। बुधवार को अस्पताल परिसर के प्रसव कक्ष में रोगी और उसके स्वजन ठंड से ठिठुर रहे मरीजों की जब छात्र नेता व एआईएसएफ के जिला सह सचिव प्रशांत सुमन ने प्रसवी महिला और उसके स्वजन से हालचाल लेने पहुँचे, तो पता चला कि अस्पताल में मरीजों को ठंड से बचने के लिए समुचित कंबल नहीं दिए जा रहें हैं। अर्थात कड़ाके की ठंड के बावजूद भी प्रसव कक्ष में समुचित व्यवस्था नहीं हैं।

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अब आप सोच सकते हैं कि जब प्रसव कक्ष में मरीजों के राहत को लेकर कंबल और चादर नहीं हैं, तो अन्य जगह क्या व्यवस्था होगी। इतना हीं नहीं प्रसव वाड में कई बेड पर चादर नहीं था, जबकि कुछ एक मरीज अपने जुगत से घर से कंबल और चादर लाए थे। कुछ खाली पड़ा हुआ था, वहीं गिने चुने मरीजों के पास पतली चादर थी,जो कि बिल्कुल ठंड से राहत के नाम पर हवा हवाई बातें व्यवस्था कही जा सकती हैं। जबकि कुछ प्रसवी महिला और अन्य लोग अपने जुगत से चादर लगाए हुए हैं, किसी तरह रात और दिन काट रहे हैं। मरीजों के स्वजन को ठहरने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं, मजबूरन ठंड में ठिठुर समय बिताने को विवश हैं। इतना ही नहीं प्रसव कक्ष में जहां पर सभी महिला को ठहराया जाता है, वहां पर भी कोई आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं हैं। भीषण ठंड में प्रसुति महिला हेतु ना गर्म पानी की व्यवस्था हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग जहां एक ओर लोगों का इलाज करती हैं, वहीं अस्पताल पहुंचने पर तो लोगों को बीमार होने के सिवा अन्य कोई चारा नहीं रहता हैं। नाहीं सभी महिला को समुचित रूप में भोजन ही दिया जाता हैं। पुछताछ में प्रसव कक्ष में मौजूद प्रसुति महिला प्रीति कुमारी व अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें एक बार चावल दाल सब्जी भोजन दिया गया हैं। समुचित रूप में कंबल नहीं है वह घर से जुगत कर कंबल लाए हैं, जबकि तेमथा गांव के काजल खातून ने भी अपनी दबी जुबान में कहा कि यहां तो कोई व्यवस्था ही नहीं हैं। हीटर भी नहीं है, ना कंबल दिया जाता हैं, ना समुचित भोजन की व्यवस्था है, तो वहीं तेहाय के सपना कुमारी ने बताई कि अस्पताल में समुचित व्यवस्था नहीं हैं, कंबल और चादर का अभाव हैं। भोजन भी मात्रा के अनुसार नहीं दिया जाता हैं। नाश्ता की बात तो दूर जाए, चावल, दाल, सब्जी भी गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं। मरीजों की इस बात को सुनकर छात्र नेता प्रशांत कुमार जमकर विफरे और उन्होंने कहा कि वे शीघ्र इस बात को लेकर जिला अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराएंगे। जबकि बीएचएम अमित कुमार को पूछे जाने के बाद बाबत बीएचएम अमित कुमार ने बताया कि वे नया बीएचएम के प्रभार में आए हैं। धैर्य रखिए मैं धीरे-धीरे सभी व्यवस्था में सुधार करने की कोशिश करूंगा।

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