बिहार की माटी संघर्षों की माटी है, यहाँ सच टिकता है षड्यंत्र नहीं। षड्यंत्र को हटाने को और लोकतंत्र को मजबूत बनाने को ही हमने राष्ट्रीय जनता दल की स्थापना की थी और अब 25 वर्ष होने को हैं, सच की राह में तमाम आंधी तूफानों का डट कर सामना किया पर राजद की ख़ास बात ये रही की वो कभी झुका नहीं।
सिद्धांतों से कभी हटा नहीं, एक रहे कोई बंटा नहीं। 25वे वर्ष में प्रवेश करते हुए जब राजद की यात्रा को देखता हूँ तो एक सुकून मिलता है, सुकून सच्चाई और ईमानदारी से गरीबों, पिछड़ों, दलितों, शोषितों और वंचितों की आवाज़ उठाने का और उनके हक़ के लिए संघर्ष में जीवन बिताने का।
ये सुकून सिद्धांतों से समझौता करने और साम्प्रदायिक ताकतों के आगे घुटने टेकने पर मैं कभी नहीं पा सकता था। ये बिहार के लोगो का राजद और मुझपर विश्वास ही है जो मैं उनके लिए इतनी लम्बी लड़ाई लड़ पाया और गर्व से गरीब की आवाज़ उठाते हुए डंके की चोट पर कह पाया कि ए विघटनकारी ताकतों हटो, जनता को गद्दी सौपों, खबरदार जो बिहार की जनता को सताया, ना ज़ोर चलेगा लाठी का, लालू लाल है माटी का।