साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित हुए सोनवर्षा के कुमार धनंजय सुमन।

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झारखंड के साहिबगंज में आयोजित साहित्यिक समागम सह राष्ट्रिय कवि सम्मेलन में हुए सम्मानित ।

साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित हुए सोनवर्षा के कुमार धनंजय सुमन।

नवगछिया। बिहपुर प्रखंड का सोनवर्षा गाँव अपने विशिष्ठ कार्यों के लिए शुरू से ही चर्चा का विषय बना रहता है। इस बार साहित्य के क्षेत्र में नया नाम जुड़ा है। सोनवर्षा के कुमार धनंजय सुमन साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित हुए हैं। किसानों, खिलाड़ियों, शिक्षितो की अधिकता वाले इस गॉव में जन्में कुमार धनंजय सुमन को साहित्य की दुनियॉ साहित्यिक संस्था के द्वारा साहिबगंज झारखंड में आयोजित साहित्यिक समागम सह राष्ट्रिय कवि सम्मेलन में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए जिले के कई साहित्यों, प्रशासनिक पदाधिकारीयों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला खेल पदाधिकारी के द्वारा साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।

 

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देश के ज्वलंत मुद्दे किसान की समस्या एवं गंगा की दुर्दशा पर प्रस्तुत की गई रचना हम किसान से मिलो और गंगा बोल रही है को श्रोस्ताओं के द्वारा काफी सराहा गया। श्री सुमन की संस्था कविता-कानन साहित्य कला मंच हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए देश के कोने कोने में पहूँच चुकी है और नवांकुरों को प्रोत्साहन के लिए निरंतरता से कार्य कर रही है। श्री सुमन के द्वारा लिखित उपन्यास हाफलेट, कहानी संग्रह मैं और मेरा एकांत, कविता संग्रह कारण खुद से पूछ रहा अब तक प्रकाशित होकर आ चुकी है एवं काफी चर्चा में रही है। श्री सुमन केे द्वारा अब तक कई कविताओं कहानियों का साझा संकलन का प्रकाशन किया जा चुका है। श्री सुमन ने कहा की साहित्य की भूमिका समाज के बदलाव में अहम होती है। जिसके लिए वो निरंतरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा की समाज की दशा एवं दिशा शैक्षनिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तन से हीं लाया जा सकता है। वे निजी जीवन में गरीब असहाय बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का कार्य निरंतरता से कर रहे हैं।

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