प्रेम-प्रसंग का विरोध करने को लेकर हुई रोहित की हत्या ।। Inquilabindia

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  • पडोस के युवक ने दिया दो दोस्तों के साथ सुनियोजित प्लान के तहत दिया घटना को अंजाम
  • घटना में शामिल मुख्य आरोपित गिरफ्तार, दो फरार
  • गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारी

बसंत कुमार, नवगछिया। बिहपुर थाना क्षेत्र के सोनवर्षा निवासी सीतामढ़ी में पदस्थापित दारोगा केदार कुँवर के 22 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार के अपराधियों द्वारा अपहरण के बाद हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिसिया अनुसंधान में पता चला कि रोहित की हत्या 45 लाख की फिरौती के लिए नही बल्कि प्रेम-प्रसंग का विरोध करने को लेकर अपराधियों ने विश्वास में लेकर दोस्त के माध्यम से रोहित को बुलाया और चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दिया। ज्ञात हो कि 28 मार्च की रात नौ बजे गाँव मे ही श्राद्धकर्म के भोजघर से रोहित को अपराधियों ने बहला-फुसलाकर मोटरसाइकिल से लेकर गए और चाकू से गला रेतकर हत्या के बाद शव को बभनगामा बहियार में फेंक दिया था।

वही 30 मार्च की शाम रोहित के शव को पुलिस ने बभनगामा बहियार स्थित गेहूं खेत से बरामद किया था। इस हत्याकांड का खुलासा बिहपुर पुलिस ने घटना के दुसरे दिन ही कर लिया था, लेकिन कांड के पूर्ण गुत्थी सुलझाने तथा साक्ष्य व हत्याकांड में शामिल अन्य सभी अपराधकर्मियों का नाम सामने लाने के लिए पुलिस कार्यवाई में जुटी थी। शुक्रवार को नवगछिया एसपी शुशांत कुमार सरोज ने अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का उद्भेदन करते हुए बताया कि मृतक रोहित की माँ मंजू देवी ने 29 मार्च को बिहपुर थाने में पुत्र रोहित के 45 लाख की फिरौती के लिए अपहरण करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जिसके बाद बिहपुर पुलिस आवेदन के आधार पर रोहित को ढूढने में जुटी रही। अगर घरवालों द्वारा प्रेम-प्रसंग की बात छुपाई नही जाती तो पुलिस इस गुत्थी को कांड के अगले दिन ही सुलझा सकती थी। पुलिस द्वारा किए गए अनुसंधान में जो बात सामने आई है, वो चौका देने वाली बात सामने आई है। रोहित की माँ मंजू देवी के लिखित आवेदन के आधार पर बिहपुर थाने में रोहित के फिरौती के लिए अपहरण की प्राथमिकी की जानकारी मिलते ही नवगछिया एसपी शुशांत कुमार सरोज ने मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित अनुसंधान करने के लिए नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया।

एसआईटी टीम में एसडीपीओ दिलीप कुमार के अलावे बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह, खरीक थानाध्यक्ष पंकज कुमार, गोपालपुर थानाध्यक्ष नीरज कुमार, भवानीपुर थानाध्यक्ष रमेश कुमार साह, बिहपुर पीएसआई व इस कांड के आईओ आशुतोष कुमार, पीएसआई बिट्टू कुमार कमल, पीएसआई उमाशंकर, योगेश कुमार, सतेंद्र सिंह एवं डीआईयू नवगछिया की टीम शामिल थी। वहीं एसआईटी टीम द्वारा पारंपरिक एवं तकनीकी अनुसंधान कर इस कांड के उद्भेदन के लिए सोनवर्षा गाँव से कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए लोंगो में से नवल किशोर कुँवर के पुत्र प्रियम कुमार से पूछताछ मे मिले साक्ष्य के आधार पर कड़ाई से पूछताछ किया गया।

पूछताछ में प्रियम कुमार ने रोहित हत्याकांड में अपनी एवं अन्य दो साथियों की संलिप्तता स्वीकार किया, साथ ही कांड के अपहृत रोहित को 28 मार्च की रात करीब 10 बजे ही चाकू से गला रेतकर हत्या कर देने की बात पुलिस को बताया। वही प्रियम की निशानदेही पर रोहित का शव एवं खून से सना कपड़ा व घटना में प्रयुक्त खून लगा चाकू व दो मोटरसाइकिल भी बरामद किया गया। एसपी ने बताया कि प्रियम मृतक रोहित के घर के पहचान की लड़की से प्रेम करता था तथा रोहित इसके बीच का रोड़ा बन रहा था। पूर्व में भी इस बात को लेकर रोहित और प्रियम के बीच विवाद व मारपीट की बात बताया गया।

बहुत पहले से चल रहे प्रियम के प्रेम-प्रसंग की बात घरवालों को भी पता था। विवाद के बाद प्रियम फ़ोन पर रोहित को परेशान किया करता था, जिसको लेकर प्रियम को मारपीट भी लगा था। जिसके बाद प्रियम ने रोहित को देख लेने की धमकी भी दिया था। इसी कारण रोहित को अपने अन्य दोस्तों सोनवर्षा के सुंदरम कुमार और मुंगेर जमालपुर के शिवम कुमार के सहयोग से भोजघर से मोटरसाइकिल से बभनगामा बगीचे में यह कहकर बुलाया कि तुम्हारे जान को खतरा है कोई तुम्हारे पीछे पड़ा है। चलो तुम्हारे सुरक्षा के लिए एक हथियार देता हूँ, जिसके बाद रोहित भोजघर से शिवम के मोटरसाइकिल पर बैठकर चला गया था।

यहां से जाने के बाद, हत्या के पूर्व रोहित के गले पर चाकू रख डरा-धमका कर पुलिस को गुमराह करने के लिए रोहित के ही मोबाइल से उसके अपहरण कर लिए जाने की तथा अमित नामक व्यक्ति को 45 लाख रुपिया देने की बात वॉइस रिकॉर्ड कर रोहित की बहन ममता के मोबाइल पर भेज दिया। अमित रोहित की बहन ममता का पति बताया जाता है और अपराधी को इस बात की जानकारी थी कि रोहित व उसके जीजा अमित में पूर्व से विवाद चल रहा है। अमित का नाम लेने से कोई भी इनके ऊपर शक नही करेगा, सभी समझेगा कि उसके जीजा अमित ने ही रूपीए के लिए रोहित का अपहरण किया है। एसपी ने कहा, रोहित की हत्या प्रेम-प्रसंग का विरोध करने को लेकर की गई है।

घटना के बाद हत्या में शामिल मुंगेर जमालपुर के शिवम कुमार और सोनवर्षा के सुंदरम कुमार दोनो फरार बताया जाता है। पुलिस दोनों की गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है और पुलिस उसके बिल्कुल करीब पहुंच चुकी है, जल्द ही दोनों अपराधियों की गिरफ्तारी होगी। साथ ही तकनीकी अनुसंधान भी जारी है परत दर परत हर बिंदुओं पर एसआईटी पड़ताल कर रही है, साक्ष्य के आधार पर जो भी इस कांड में संलिप्त होंगे उसकी गिरफ्तारी अवश्य होगी। घटना में शामिल अपराधियों को किसी भी सूरत में बक्सा नही जाएगा।

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रोहित और मुंगेर के शिवम में पूर्व से थी गहरी दोस्ती
बताया जाता है कि मृतक रोहित और हत्याकांड में शामिल मुंगेर जमालपुर के शिवम की गहरी दोस्ती थी। शिवम का ननिहाल सोनवर्षा में है। जब भी शिवम सोनवर्षा आता था रोहित से अवश्य मिलता था। शिवम मिल्की स्थित माँगन साह का मेला देखने घटना से दस दिन पूर्व सोनवर्षा ननिहाल आया था। घटना के दिन सुबह से ही शिवम रोहित की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए था।

परिजन प्रेम-प्रसंग की बात से कर रहे इंकार, पुलिस पर लगा रहे गंभीर आरोप
इधर मृतक रोहित के परिजन प्रेम-प्रसंग में रोहित के हत्या होने की बात को नकार रहे हैं। घरवालों के कहना है कि प्रेम-प्रसंग जैसी कोई बात नही है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस घटना को अलग मोड़ देने का प्रयास कर रही है। अगर प्रेम-प्रसंग जैसी कोई बात है तो उसका साक्ष्य प्रकट करे और लड़की का मेडिकल चेकअप कराकर देख ले। मृतक के भाई चंदन कुमार ने कहा कि पुलिस गलत दिशा में जांच कर रही है। बताया कि चार वर्ष पूर्व गाँव मे ही रोहित घोड्सवारी कर रहा था, जिसमे एक व्यक्ति की रोहित के घुड़सवारी के दौरान ही सड़क पर गिड़कर घायल होने के बाद पटना में ईलाज के क्रम में मौत हुई थी और तभी से उसके घरवाले रोहित को खून का बदला खून कहकर खुलेआम धमकी दे रहा था। चंदन ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस उस शख्स को बचाने में लगी है।

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