भागलपुर के नवगछिया इलाके में बिहपुर के दयालपुर निवासी शिक्षक पयोद कुमार उर्फ जॉली का शव 32 घंटे बाद सोमवार की दोपहर दिल्ली के मैक्स अस्पताल प्रशासन ने उनके स्वजनों को सौंपा। 13 लाख का बिल भुगतान नहीं करने पर अस्पताल के मर्चुरी में शव को बंधक बनाकर रख लिया गया था। अस्पताल प्रबंधन के इस अमानवीय रवैये की शिकायत पीडि़त स्वजन ने दिल्ली के सत्ताधारी दल के नेताओं, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी चौबे, बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, गिरिराज सिंह, लेसी सिंह से की थी। शिक्षक के पिता केशव झा, भांजा दिनकर, चचेरे भाई मनोज कुमार, साला अमरजीत ने बताया कि राजनेताओं की दखलअंदाजी के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बगैर कोई राशि भुगतान कराए शव सौंप दिया।
बिहपुर निवासी पीडि़त स्वजन ने राजनेताओं से लगाई थी गुहार
ब्रेन हेमरेज के बाद शिक्षक को पहले पटना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। काफी पैसा खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में ले गए थे। वहां इलाज के दौरान रविवार सुबह उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने स्वजनों को 13 लाख रुपये का बकाया बिल थमा दिया और शव अस्पताल के मर्चुरी में रख दिया था।
शिक्षक की पत्नी जूली व उनके साले अमरजीत ने बताया कि इलाज खर्च में पहले ही खेत बेचकर 10 लाख 56 हजार रुपये का भुगतान कर चुके थे। अब उनके पास एक रुपया भी नहीं बचा था। नेताओं से संपर्क कर गुहार लगाने के बाद सोमवार को अस्पताल प्रशासन ने शव सौंपा। इस विषम परिस्थिति में सहयोग करने वाले सभी नेताओं व लोगों का आभार। इधर, शिक्षक की मौत के बाद उनके घर दयालपुर में मातम पसर गया है। शिक्षक को एक पुत्र पांच वर्षीय अर्जुन कश्यप और एक दस वर्षीय पुत्री प्रिया झा है।
पयोद भागलपुर के आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्यामंदिर में कामर्स के शिक्षक थे। उन्हें बीते माह ही कोरोना संक्रमण हो गया था। इलाज के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। बाद में उनका ब्रेन हेमरेज हो गया। पयोद के पिता केशव झा किसान हैं। सबकुछ बेचकर अपने बेटे का इलाज कराया। लेकिन फिर भी बेटे की जान नहीं बची। विद्या मंदिर के प्राचार्य अनंत कुमार सिन्हा ने कहा कि उनके निधन से विद्यालय परिवार काफी मर्माहत है। दुखी है। एक बेहतरीन शिक्षक को हमसबने खो दिया। ईश्वर उनकी आत्मा को सद्गति प्रदान करे। साथ ही उनके स्वजनों को दुख सहने की शक्ति दे।