बिहपुर: क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार और भागलपुर डीएफओ श्वेता कुमारी ने शनिवार को बिहपुर प्रखंड के बिहपुर दक्षिण/सोनवर्षा पंचायत में किसानों को परंपरागत खेती के साथ कृषि वानिकी अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य किसानों को कम समय में अधिक आय देने वाले वानिकी मॉडल्स से अवगत कराना था।
नई उम्मीदों का संदेश
कार्यक्रम में डीएफओ श्वेता कुमारी ने बताया कि सेमल, कदम, अंकेशिया और पॉपलर जैसे पेड़ किसानों को तेजी से आर्थिक लाभ दे सकते हैं। वहीं, जलजमाव वाले इलाकों के लिए जामुन, अर्जुन और पनगांभार जैसे पेड़ बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। इन पेड़ों की खेती न केवल आय के नए स्रोत प्रदान करेगी, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन को भी सुदृढ़ करेगी।
सरकार की योजना: लाभकारी और सरल
डीएफओ ने बताया कि वन विभाग की विशेष योजना के तहत किसान मात्र 10 रुपये प्रति पौधा देकर पौधे प्राप्त कर सकते हैं। तीन वर्षों बाद, सुरक्षा राशि किसानों को वापस कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, 50 से अधिक पौधों की सफल उत्तरजीविता पर 60 रुपये प्रति पौधा प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।
ग्रामीणों में उत्साह
इस अवसर पर बिहार वाटर बर्ड सेंसस कोऑर्डिनेटर दीपक कुमार झून्नू, मुखिया प्रतिनिधि प्रवीण उर्फ फोर्ड, सरपंच प्रतिनिधि मिथिलेश कुमार और अन्य प्रमुख ग्रामीणों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। क्षेत्र के मुखिया नीनारानी और अजय उर्फ लाली कुंवर ने दोनों अधिकारियों को बुके भेंटकर सम्मानित किया।
भविष्य की दिशा
इस पहल ने किसानों को वानिकी के माध्यम से आर्थिक स्वतंत्रता की ओर प्रेरित किया है। पारंपरिक खेती के साथ वानिकी अपनाने से किसानों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा और यह क्षेत्र हरियाली से भरपूर होगा।