27 अप्रैल 2021 को झंडापुर पुलिस लाॅकअप में दलित नौजवान विभूति दास उर्फ मनीष कुमार की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार के आवेदन पर अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं करने और दोषियों को बचाने की साजिश के खिलाफ आज न्याय मार्च निकाला गया.

इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम ने कहा झंडापुर पुलिस लॉकअप में दलित नौजवान विभूति दास की हत्या के मामले में पुलिस-प्रशासन के आलाधिकारी न्याय की हत्या कर दोषियों को बचाने की साजिश कर रहे हैं.इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि विभूति दास की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार और न्याय के पक्ष में खड़े अवाम से आलाधिकारियों ने न्याय का वादा किया था.लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार के आवेदन के आधार पर मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ है.एक पुलिसकर्मी के निलंबन की नुमाईशी कार्रवाई कर मामले को खत्म कर देने की साजिश की जा रही है.

निलंबित पुलिसकर्मी हरिकिशोर सिंह अभी भी झंडापुर ओपी में योगदान दे रहा है.पीड़ित परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सच भी पता नहीं चल रहा है.अभी तक पीड़ित परिवार को कोई सरकारी सहायता भी उपलब्ध नहीं कराई गयी है.
झंडापुर पुलिस द्वारा लगातार बेकसूरों की हत्या व गुंडागर्दी जारी है.पिछले दिनों ही एक और नौजवान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.आए दिन आम लोगों के साथ भी पुलिसिया दुर्व्यवहार की घटनाएं होती है.
जद(यू)-भाजपा की सरकार सुशासन और कानून के राज का दावा करती है.लेकिन झंडापुर ओपी को बेकसूरों की हत्या-गुंडागर्दी और न्याय की हत्या की छूट मिली हुई है.
न्याय और उचित मुआवजा के लिए सरकार के आलाधिकारी अविलंब पहल करें,अन्यथा आंदोलन तेज होगा.
न्याय मार्च में बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन, बिहार के अनुपम आशीष, गौरव पासवान, खरीक प्रखंड से सौरव पासवान, पांडव, निर्भय, दिलखुश, बिहपुर प्रखंड से मो परवेज आलम, आहुति दास, नसीब रविदास, सुनील दास, राजेन्द्र पासवान, दयानंद दास, भोलू अंबेडकर, सूरज कुमार, दीपक पासवान, सुरेश दास, पांचू दास, कैलाश रविदास, सुभाष दास सहित कई एक थे।