बिहार स्टेट हेड श्रवण आकाश की खास रिपोर्ट
एक ओर जहां विश्व भर में कोरोना वायरस तहलका मचा आम जनता हीं नहीं बल्कि बड़े बड़े पदाधिकारियों, शासन प्रशासन तक को तबाह कर दिया और वर्तमान में भी कोरोना संक्रमणों की संख्या ओं में अब भी घटने का नाम नहीं ले रही है कि ईधर कमबख्त ओमीक्रोम विभिन्न जगहों पर अपनी डेरा बनाते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि उच्च पदाधिकारियों ने लगातार आम जनता सहित समस्त पदाधिकारियों और प्रशासन कर्मियों को कोविड नियमों जैसे फेस मास्क, सोशल डिस्टेंस और सैनेटाइजर उपयोग की कड़ी निर्देश दे रहे हैं। वर्तमान समय में यदि आप अपने आसपास बने अस्पतालों, सरकारी विद्यालयों, दफ्तरों, थाना में जाइए तो बेशक आपको “नो मास्क नो एंट्री” का बैनर दिखाई देगा, लेकिन दुर्भाग्यवश कही भी बिहार सरकार के इस गाइडलाइंस का पालन करते दिखाई नहीं देगा।

चिकित्सा कर्मियों के हीं द्वारा आई रिपोर्ट और गाइड लाइन को सुन बिहार सरकार के द्वारा जारी किए जाने वाले चिकित्सा कर्मी खुद जब बेपरवाह रहेंगे तो आम जनता की तो बात ही छोड़िए साहब। दरअसल मैं बात कर रहा हूं खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड की जहां प्रशासन तो पब्लिक क्षेत्र में थोड़ी गाइडलाइन का पालन करते हीं है लेकिन सीएचसी परबत्ता में कोविड गाइड का पालन चिकित्सा कर्मी रत्ती भर भी नहीं करते।

आखिरकार आम जनता कैसे और क्यों करेंगे पालन ? जिस क्षेत्र में भगवान कहीं जाने वाली डाॅक्टर खुद बिना मास्क, बिना सोशल डिस्टेंस के रहेंगे वहां के आम जनता और पदाधिकारी भला कैसे और सवाल हीं नहीं उठती। लेकिन हां सवाल इन चिकित्सकों पर तो उठनी लाजमी है, सवाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर तो उठनी जायज हैं, सवाल के घेरे में अस्पताल प्रभारी पर उठनी चाहिए, अंततः जिला प्रशासन व जिला स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों पर आम जनता की ऊंगली उठनी सौ फीसदी लाजमी है कि जब चिकित्सा कर्मी को ऐसे बेपरवाही और नजर अंदाजी हीं रहनी है तो आखिर क्यों रिपोर्ट में पाज़िटिव कर बारंबार निर्देश दिए जा रहे हैं और बड़े बड़े पर्चे पर दफ्तर के बाहर “नो मास्क नो एंट्री” लगा आम जनता को पड़ेशान और भ्रमित कर रहे हैं ?