श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
मंगलवार को अखंड सौभाग्य का प्रतिक हरतालिका तीज और चौठचंढ को लेकर परबत्ता बाजार में काफी रौनक व चहल पहल दिखाई रही हैं। वहीं इस पर्व को मनाने खातिर सुहागिन महिलाओं ने अभी से नए वस्त्र, पूजन सामग्री आदि की खरीदारी परबत्ता बाजार, सलारपुर बाजार, मड़ैया बाजार सहित अन्य बाजारों में खरीदारी जोड़ों पर की जा रही हैं। इतना हीं नहीं बाजारों के कपड़े दुकानों, फल दुकानों और सोना दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही हैं। हालांकि वही बाजारों में खरीदारी में महंगाई का असर भी काफी देखीं जा रही है। इसलिए थोड़ी खरीदारी कम हों, फिर भी हर्षोउल्लास के साथ खासकर महिलाएं व नवविवाहिताओ में काफी उत्साह दिख रही हैं। जहां सुहागिन महिलाएं पतियों के सुख- सौभाग्य निरोग्यता के लिए निर्जला उपवास मंगलवार को रखकर माता गौरी की पूजा, श्रद्धा भक्ति के साथ कि जाएगी । मंगलवार को हरतालिका तीज करने वाली व्रती स्नान आदि से निवृत्त होकर नए कपडे के साथ शृंगारित होकर एक चौकी पर रंगीन वस्त्रों के आसन बिछाकर शिव और पार्वती की मूर्ति पूजा धूमधाम से करेंगी। हरितालिका तीज को लेकर फलों की कीमत में उछाल रहा। यहां की दुकानदार सिकंदर कुमार, अजय कुमार, सुदामा साह, प्रदीप कुमार, विनय कुमार आदि फलों की बिक्री में लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि से एक ₹100 प्रति किलो नारियल, ₹50 प्रति नारंगी, एक ₹100 प्रति किलो बेदाना, ₹160 प्रति किलो अमरूद, 60 किलो मौसमी, 30 रुपए प्रति दर्जन के हिसाब से केला बिक्री किया जा रहा हैं। खरीदारी को लेकर विभिन्न बाजारों में सोमवार की संध्या तक भीड़ लगी हुई हैं।
वहीं तेमथा राका के प्रकांड पंडित मिथिलेश झा बताते हैं कि इस व्रत के पीछे महिलाओं की धारणा है कि पति जो है वहीं रहे उनके अनुसार पार्वती जी से पहले ही शंकर भगवान को पति मान चुकी थी, जब उनकी शादी तय होने लगी तो नारद जी ने भगवान विष्णु से साबित कर दिया था। इस बात की जानकारी पार्वती जी को होगा, तो वह सखियों के साथ चली गईं। सखियों ने पार्वती जी का हरण हीं कर लिया। तब से यह व्रत महिलाएं करती आ रही हैं। यहां की अनुपम कुमारी, शिल्पी कुमारी, जुली सिंह, निशा कुमारी, प्रीति कुमारी, पूनम, मंजू कुमारी आदि ने बताया कि एक साल के बाद यह त्यौहार आता हैं। वे लोग इस त्यौहार को काफी उत्साह पूर्वक मनाते हैं। महिलाओं के लिए यह काफी उत्साहवर्धक त्योहार हैं।