आजादी के दीवानों को उचित सम्मान देना भी भूल गए नारायणपुर कॉलेज प्रशासन ।।

आजादी के दीवानों को उचित सम्मान देना भी भूल गए नारायणपुर कॉलेज प्रशासन ।।

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बसंत कुमार चौधरी

  • छात्रों ने चंदा की राशी से चार वर्ष पूर्व मंगवाया था स्वतंत्रता सेनानी शिवधारी सिंह की प्रतिमा
  • आजतक नही हुई प्रतिमा स्थापित
  • चार वर्ष से रूम के एक कोने में कबाड़ से दबी पड़ी धूल फांक रही शिवधारी सिंह की प्रतिमा
  • जेपी कॉलेज के संस्थापक थे शिवधारी सिंह
  • आजादी से पहले बने थे सांसद और आजादी के बाद पहला विधायक चुने गए थे क्रांतिकारी शिवधारी बाबू

नवगछिया। आज पूरा देश 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी में जुटी है। देशवासियों के लिए जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के सम्मान के लिए अमृतमहोत्सव मनाई जा रही है। वही दूसरी ओर एक महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा का अनादर नारायणपुर कॉलेज प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
देश को आजादी दिलाने वाले आजादी के दीवानों को उचित सम्मान देना शायद नारायणपुर कॉलेज प्रशासन भूल गया है। मामला जेपी कॉलेज नारायणपुर का है। जहां स्वतंत्रता सेनानी नारायणपुर प्रखंड के सिंहपुर पश्चिम पंचायत के गनौल निवासी शिवधारी सिंह की प्रतिमा का अपमान कॉलेज प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, जबकि शिवधारी बाबू जेपी कॉलेज के संस्थापक भी थे। वही आजादी के पूर्व एक बार सांसद और आजादी के बाद यहां के पहला विधायक चुने गए थे। मौजमा गाँव स्थित शिवधारी, सुक़देव उच्च विद्यालय के भी ये संस्थापक रहे थे। उनकी प्रतिमा को मौजमा गाँव के ग्रामीणों ने मौजमा विद्यालय के छत के बीच एक रूम में प्रतिष्ठित स्थानों पर शीशे में अवस्थित किया है, ताकि धूप मिट्टी प्रवेश न करे उनकी प्रतिमा पर हररोज माल्यार्पण किया जाता है। वहीं जेपी कॉलेज में कॉलेज प्रशासन की गलती के कारण उनकी प्रतिमा को कबाड़ में डाल दिया गया है। जो किसी भी तरह से उचित नही है।

  • सूत्रों के अनुसार जयप्रकाश महाविद्यालय नारायणपुर में विगत चार वर्ष पूर्व कॉलेज प्रशासन के सहयोग से छात्र-छात्राओं ने आपस मे चंदा की राशी इकट्ठा कर जेपी कॉलेज के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी शिवधारी सिंह की प्रतिमा को कॉलेज परिसर में स्थापित करने के उद्देश्य से मंगवाया था। बताया जा रहा है कि चंदे की लाखों रूपीए की राशी से स्वतंत्रता सेनानी शिवधारी बाबू की प्रतिमा को खरीदकर कॉलेज लाया गया लेकिन कॉलेज प्रशासन की उदासीनता के कारण उनकी प्रतिमा को आजतक कॉलेज परिसर में स्थापित नही किया गया है। लगता है आजादी के दीवानों को उचित सम्मान देना भी जेपी कॉलेज नारायणपुर प्रशासन भूल गए हैं। बताया जा रहा है कि उनकी प्रतिमा चार वर्ष से रूम के एक कोने मे गंदे कपड़े से ढका कबाड़ के बीच पड़ा हुआ है। कॉलेज प्रशासन द्वारा उनकी प्रतिमा का अनादर इस कदर किया जा रहा है कि स्प्राइट और पानी के जूठी बोतलें, पुराने बेकार पड़े कार्टून और रद्दी के पेपर के बीच उनकी प्रतिमा कॉलेज के एक कोने में आज भी धूल फांक रही है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में कॉलेज के प्राचार्य विभांशु मंडल के नेतृत्व में सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के संस्थापक शिवधारी बाबू की प्रतिमा चंदे की राशी से कॉलेज परिसर में स्थापित करने के लिए मंगवाया था, लेकिन बताया जा रहा है कि इनकी यह प्रतिमा कॉलेज आते ही कॉलेज प्राचार्य विभांशु मंडल की मिलीभगत से कॉलेज के कुछ कर्मियों द्वारा प्रतिमा स्थापित करने में खर्च के नाम पर नामांकन या रजिस्ट्रेशन कराने आये छात्र-छात्राओं से अबैध वशूली शुरू कर दी गई। जिसपर कॉलेज के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के बाद जमकर हंगामा किया था। फिर बाद में सामाजिक स्तर से मामले को शांत किया गया। बताया गया कि इस मामले को लेकर भागलपुर यूनिवर्सिटी की ओर से प्राचार्य विभांशु मंडल पर कार्यवाई भी की गई थी, जिसपर उन्हें जेपी कॉलेज से स्थानान्तरण कर दिया गया था। वही उनके स्थान पर प्राचार्य राजवंश यादव को जेपी कॉलेज का प्राचार्य बनाया गया। बताया जा रहा है कि प्राचार्य विभांशु मंडल के स्थानांतरण के बाद और नए प्राचार्य राजवंश यादव के आने के बाद स्वतंत्रता सेनानी शिवधारी सिंह की प्रतिमा को कॉलेज परिसर में स्थापित करने का मुद्दा ही दबा दिया गया। गौरतलब हो कि प्रतिमा स्थापित करने का यह मुद्दा इसलिए शांत हो गया क्योकि प्रतिमा खरीददारी की आड़ में कई कॉलेजकर्मी द्वारा छात्रों से अबैध राशी की वशूली शुरू की गई थी। उस वक्त अगर प्रतिमा स्थापित करने के लिए कॉलेज प्रशासन सोचता तो उनलोगों पर अबैध वशूली का मामला तूल पकड़ रहा था जिसपर शर्म की वजह से सबों ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा को स्थापित करने का मामला ही दबा दिया और प्रतिमा को कार्यालय के बगल में एक कोने में कबाड़ के बीच डाल दिया गया। मामला जो भी हो ये अलग बात है परंतु यहां समझने वाली बात है कि लाखों रूपीए में उनकी प्रतिमा आ गया लेकिन अब हजार दस हजार स्थापित करने में खर्च के लिए कॉलेज प्रशासन का सिरदर्द बढ़ गया है। कुछ भी बात हो परंतु कॉलेज प्रशासन का क्या कर्तव्य धर्म बनता है कि स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा को सुव्यवस्थित स्थानों पर रखने से उन्हें सम्मान मिलता। परंतु आज कॉलेज प्रशासन की गलती के कारण महापुरुष की प्रतिमा का भरपूर अनादर हो रहा है। कॉलेज प्राचार्य राजवंश यादव को चाहिए था कि वे कमसेकम प्रतिमा को व्यवस्थित तरीके से प्रतिष्ठित स्थानों पर रखवाना नारायणपुर के प्राचार्य राजवंश यादव ने कहा कि हम आज भी प्रतिमा स्थापित करने के लिए तैयार है। परंतु कॉलेज की राशी को प्रतिमा स्थापित करने में खर्च नही कर सकते हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी से पत्र मिला है कि स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा के स्थापना के लिए कॉलेज फंड से पैसा खर्च नहीं होगा। इलाके के लोग सहयोग दें तो चंदा इकट्ठा कर प्रतिमा स्थापित किया जा सकता है।

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