- परिजनों ने बिहपुर सीएचसी के समक्ष शव रखकर किया जमकर हंगामा, तोड़फोड़
- बिहपुर सीएचसी में महिला डॉक्टर की तैनाती और परिजन को उचित मुआवजा देने के आश्वासन पर चार घँटे बाद परीजन माने
बसंत चौधरी/नवगछिया। विगत शनिवार की रात बिहपुर सोनवर्षा यदुवंश नगर वार्ड संख्या- 1 निवासी चितरंजन पोद्दार की पत्नी शकुंतला देवी 32 वर्ष को डिलीवरी होने के बाद अत्यधिक रक्तश्राव के कारण गंभीर हालत को देखते हुए बिहपुर सीएचसी से मायगंज भागलपुर रेफर किया गया था। जहां उसी रात ईलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनो की मौत मायागंज भागलपुर में हो गई। वही रविवार के दिन परिजनों ने दोनो के शव को घर लेकर आए। वही सोमवार को परिजनो ने जच्चा-बच्चा की मौत का कारण अस्पताल प्रबंधक पर आरोप लगाते हुए शव को लेकर सैकड़ो ग्रामीण बिहपुर सीएचसी पहुंच गए और दोनो के शव को अस्पताल के सामने रखकर जमकर हंगामा और अस्पताल के भीतर घुसकर लाठी-डंडे से खूब तोड़फोड़ किया। आक्रोशित लोगों ने सभी यार्ड में घुसकर मेडिकल दवाइयों व अन्य समानों को भारी क्षति पहुँचाया है। टेबुल, कुर्सी, गमला, सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ा। वही मौके पर उपद्रवियों ने नर्स, एएनएम और सुरक्षाकर्मियों पर लाठी से हमला कर दिया। जिसमें नर्स और एक सुरक्षा कर्मी चोटिल हुआ है। हंगामा होने की सूचना मिलते ही बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। आधा दर्जन महिला बल को बुलाया गया। जानकारी पाकर इलाके के जनप्रतिनिधियों समेत समाजसेवी भी असप्ताल पहुंचे। इस दौरान ग्रामीण महिलाएं समेत सैकड़ो लोगो ने अस्पताल की कुव्यवस्था का पूर्ण विरोध करते हुए नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों का आरोप था कि इस अस्पताल में आजतक एक महिला डॉक्टर की तैनाती नही हुई। उचित उपचार के अभाव में अत्यधिक रक्तश्राव के कारण महिला की हालत बिगड़ने के बाद भी रेफर करने में देरी करने में दोनो की मौत हो गई। सही समय पर उचित ईलाज से दोनो बच सकती थी। वही नर्स और एएनएम का कहना है कि महिला को बिस्तर पर लिटाया ही था कि कुछ मिनट बाद ही बिना उपचार के ही डिलीवरी क्लियर हो गया। नर्स ने आसानी से बच्चे को आउट किया।
नर्स ने कहा कि जच्चा-बच्चा दोनो स्वस्थ थे। वहीं डिलीवरी होने के 20 मिनट बाद ही महिला का बच्चेदानी फट गया जिससे अत्यधिक रक्तश्राव शुरू हो गई। नर्स ने ब्लड रुकने की दवाई भी दी गई, लेकिन बताया गया कि तबतक महिला की हालत अत्यंत खराब हो गई। जिसके बाद उसे मायागंज रेफर किया। मौके पर पहुंचे स्थानीय पुलिस व जनप्रतिनिधि द्वारा परिजन से बात करने के अथक प्रयत्न के बाद मुआवजा देने और मृतक के तीनों बच्चों के भविष्य के लिए लाभ देने और अस्पताल में महिला डॉक्टर को लाने की बात के आश्वासन पर परिजन माने और जच्चा-बच्चा के शव को दाह संस्कार के लिए ले गया। मृतक के पति चितरंजन देवघर में फल की दुकान चलाता है। सुनते ही मायागंज पहुंचे। मृतक महिला को एक पुत्र माधव 10 वर्ष, पुत्री साक्षी 8, और मीनाक्षी 6 वर्ष है। माँ की मौत की खबर सुनकर तीनों बच्चों का रोरोकर बुरा हाल है। आसपड़ोस के लोग परिजनों को ढांढस व सांत्वना देने में जुटे थे। देर शाम शव का दाह संस्कार कर दिया गया। 10 वर्षीय पुत्र माधव ने फफक फफककर रोते हुए मुखाग्नि दिया। थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा आवेदन मिलने पर उपद्रवियों पर कार्यवाई हो सकती है। तत्काल मामले की जांच में पुलिस जुटी है।