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शहीद हवलदार अंकेश चौधरी का सैनिक सम्मान के साथ अगुवानी गंगा घाट में हुई अंतिम संस्कार

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पुत्र आरभ के हाथों मुखाग्नि दे पंचतत्व में हुए विलिन, मौजूद लोगों की आंखें हुई नम:-श्रवण आकाश, खगड़िया

परबत्ता प्रखंड के सियादत पुर अगुवानी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग गांव निवासी स्वर्गीय नारद चौधरी व स्वर्गीय सीता देवी के पुत्र सह थलसेना के जवान अंकेश चौधरी की जम्मू कश्मीर में आकस्मिक निधन के उपरांत गुरुवार दोपहर में उनका पार्थिव शरीर गृह जिला प्रवेश कर हजारों युवाओं के साथ उनके आवास पहुंचीं। वहीं पुरे मार्ग में मौजूद लोगों द्वारा भारत माता की जय और शहीद अंकेश चौधरी अमर रहें के नारे से इलाका गूंजायमान हो उठी थी। बताते चलें कि हवलदार अंकेश चौधरी अपने पिता और माता के ज्येष्ठ पुत्र थे।

जो कि जम्मू कश्मीर के 63 आरआर राजौरी में थलसेना के रूप में पदस्थापित थे। ये वर्ष 2003 में कटिहार बीआरओ से सेना में भर्ती हुए थे। बीते 2007 में भागलपुर जिला के नवगछिया अनुमंडल के बिहपुर थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव निवासी प्रिया कुमारी के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ था। फिलहाल इस घटनाक्रम में वे दो पुत्रियां और एक पुत्र को छोड़ चले गए, उनकी 14 वर्षिया बड़ी पुत्री अदिति और 11 वर्षिया छोटी बेटी भव्या और सबसे छोटा 7 वर्षिय पुत्र आरव कुमार के साथ ही साथ तीनों बहनें ममता कुमारी, वंदना कुमारी और बीणा कुमारी समेत सभी परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।

प्राप्त जानकारी अनुसार शहीद हवलदार अंकेश चौधरी के छोटे भाई अंकुर कुमार चौधरी भी बी.एस.एफ सेना के रूप में हजारीबाग में पदस्थापित हैं, जो अपने बड़े भाई के निधन की खबर से हजारीबाग से पैतृक गांव आए हुए हैं। वहीं पुछताछ में उन्होंने बताया कि मेरे बड़े भाई अंकेश चौधरी विगत 1 महीने से बीमार चल रहे थे तथा उद्धमपुर के कमांड अस्पताल में भर्ती थे, जिनका मंगलवार को अस्पताल में ही इलाज के दौरान निधन हो गया, जिसकी सूचना सेना के अधिकारी ने दी थी। हवलदार अंकेश कुमार चौधरी का पूरा परिवार अंबाला में रहते हैं, इनके निधन की खबर सुनते ही क्षेत्रों में शोक की लहर व्याप्त हैं।

इनके शहीद होने पर शहादत की खबर से परबत्ता के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही साथ पुरे खगड़िया में मातमी छाई हुई हैं। बहरहाल गुरूवार को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सैनिक सम्मान के साथ बहुचर्चित उत्तरवाहिनी अगुआनी गंगा घाट पर सैनिक सम्मान के साथ संपन्न हुई। बताते चलें कि सुबह से ही विभिन्न गांव से काफी संख्या में दूर दराज के लोग भी ट्रैक्टर-ट्राॅली से पहुंचकर पसराहा, मड़ैया बाजार, परबत्ता बाजार, सिराजपुर, श्रीरामपुर ठूठ्ठी, डुमरिया बुजुर्ग, अगुवानी बस स्टैंड पर जाकर खड़े हो गए थे। तिरंगे लगे वाहनों के लंबे काफिले के साथ खगड़िया के लाल शहीद अंकेश चौधरी का पार्थिव शरीर डुमरिया बुजुर्ग गांव से अगुवानी गंगा घाट ले जाया गया। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा अंकेश तुम्हारा नाम रहेगा और वंदे मातरम के नारे लगाए गए। वहीं गांव की महिलाएं घरों की छत पर पहुंच गई और शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की। वहीं थलसेना के जवान अंकेश चौधरी का पार्थिव शरीर डुमरिया बुजुर्ग उनके आवास पर पहुंचते हीं दोनों पुत्रियों, पुत्र समेत बहनों आदि परिजनों और रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन कर चित्कार पार फुट फुटकर रोए,जिसे वहीं मौजूद लोगों के भी आंखें से पानी टपक पड़े थे।इसके पश्चात बहुचर्चित उत्तरवाहिनी अगुआनी गंगा घाट पर राजकीय सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वही पुत्र आरभ कुमार के हाथों अपने पिता को मुखाग्नि देने के उपरांत ही हुए पंचतत्व में विलीन।

साथ ही साथ शहीद जवान अंकेश चौधरी के घर पर ग्रामीणों की भीड़ जुटी थी और हर शख्स शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा था। वहीं ग्रामीण युवा रजनीश चौधरी, त्रिपुरारी सिंह, गाइनु चौधरी, मुखिया स्मृति कुमारी,बी.एस.एफ जवान अनिल चौधरी, हरिश कुमार, सतिश मिश्रा, हरिनंदन मिश्रा, समाजिक कार्यकर्ता श्रवण आकाश आदि ने बताया कि अंकेश चौधरी देश का जाबांज बेटा था, जिन्होंने अपने कर्म पथ पर शहीद होकर वीर गति को प्राप्त किया। इनके इस घटनाक्रम की सुचना पर दुख जता शोकाकुल परिवार को ईश्वर से दुख सहने की शक्ति प्रदान करने को लेकर ईश्वर से दुआ किया और बताया कि बीते एक महीनों पुर्व हीं वह अपने गांव से जम्मू कश्मीर में ड्यूटी पर गए थे। वो जब भी आते थे तो हम सभी युवाओं से प्रेमपुर्वक व मित्रतापूर्वक हमलोग से अवश्य मिलते थे। इसके साथ ही साथ पुर्व मुख्यमंत्री आर एन सिंह, सांसद प्रतिनिधि आदित्य कुमार शौर्य उर्फ बाबूलाल शौर्य, संतोष भरद्वाज, राजीव कुमर समेत दर्जनों की संख्याओं में पुलिस बल और हजारों हजार की संख्याओं में ग्रामीणों का जमावड़ा शहीद अंकेश चौधरी के अंतिम दर्शन को उमड़ी पड़ी थी।

वहीं इधर पुर्व मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह उर्फ आर एन सिंह ने कहा कि भारतीय थल सेना के जवान अंकेश चौधरी की सेना में सेवा के दौरान इलाजरत सेना के निधन की घटना बहुत दुःखद है। माँ भारती के लाल को उनके पैतृक गांव डुमरिया बुजुर्ग में श्रद्धांजलि अर्पित किया और भगवान से उनकी आत्मा को शांति एवं अपने श्रीचरणों में स्थान दें यही प्रार्थना है। जबकि वहीं शहीद अंकेश चौधरी के सहादत को लेकर परबत्ता जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा कि इनका निधन अत्यंत दु:खद, दुर्भाग्यपूर्ण व हृदयविदारक हैं। यह हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति हैं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शन्ति दे और परिजनों को बल प्रदान करें।

वहीं पुछताछ में सांसद प्रतिनिधि आदित्य कुमार शौर्य उर्फ बाबूलाल शौर्य ने कहा कि हमारे करीबी अंकेश चौधरी सबको अनाथ करके चले गए। सेना के जवान जब भी शहीद होते हैं, वे सबको दर्द दे जाते हैं। सेना के जवान इस देश की आन-बान-शान होते हैं। उनकी क्षति देश की क्षति होती है। जवानों की मृत्यु की घटना बहुत दुःखद हैं, भगवान से उनकी आत्मा को शांति एवं अपने श्रीचरणों में स्थान दें यही प्रार्थना है। अंततः उन्होंने कहा कि अगुवानी की धरती धन्य हैं, जो हर एक वीर सपुतों का आना और अंतिम दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होती है। मौके पर परबत्ता बीडीओ अखिलेश कुमार, परबत्ता थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल, एल टी एफ प्रभारी रनधीर कुमार समेत विभिन्न राजनैतिक दलों के नेतागण और पदाधिकारीगण समेत हजारों लोग उपस्थित थे।

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