अगुवानी के ऐतिहासिक मंच पर हुवे कवि सम्मेलन में पहुंचे कई राज्यस्तरीय कविगण ।। Inquilabindia

अगुवानी के ऐतिहासिक मंच पर हुवे कवि सम्मेलन में पहुंचे कई राज्यस्तरीय कविगण
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                             अगुवानी के ऐतिहासिक मंच पर हुवे कवि सम्मेलन में पहुंचे कई राज्यस्तरीय कविगण ।। Inquilabindia
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                                                  कवियों की बेहतरीन रचना प्रस्तुति से ओतप्रोत हुए सैकड़ों दर्शकगण

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श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से

खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत सियादतपुर अगुआनी पंचायत के गंगा किनारे बसे अगुवानी गांव में नवरात्रि के शुभ अवसर पर दुर्गा मंदिर के प्रांगण में बने ऐतिहासिक विशालकाय मंच पर कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन आयोजित हुई। जहां बिहार के विभिन्न हिस्सों जैसे मुंगेर, दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, खगड़िया, भागलपुर, बेगूसराय, बांका सहित अन्य जिलों के कवियों का आगमन और बेहतरीन कविताएं की बौछारें हुई। जहां भींगी मौसम के कारण ग्रामीण युवाओं द्वारा तैयारियां में थोड़ी कमियां होने को लेकर दर्शकों को थोड़ी पड़ेशानियों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन बेहतरीन काव्य रचनाएं को सुन उपस्थित दर्शकों के मन से सभी समस्याएं छू मंतर हो गई।

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मुखिया स्मृति कुमारी की रचना:- राका, बबराहा अगुवानी,डुमरिया और उसरी. सियादतपुर अगुवानी इन नामों से ही तो उभरी. दूध दही का नाम ना लो, इन दोनों का गहरा नाता है. अरे! दही खिलाना तो यहां के संस्कारों में आता है। सुना है उसने खरीद लिया है करोड़ों का घर शहर में, पर आंगन दिखाने आज भी वह बच्चों को गांव लाता है। यहां उत्तरवाहिनी गंगा की धारा है, और हर दामन में अपनों का सहारा है। माघी पूर्णिमा श्रावण और छठ घाट पर मेला है, अकेले रहने पर भी यहां न कोई अकेला है.जीवन का एक कड़वा सच इस धरती ने सफल बनाया है, अंत काल मृत्यु के बाद यहां गंगा की गोद समाया है। अंगिका एक बोली छै भाषा छै, तोई सब हमारा प्यार करे छो ई सुनी के जगलो आशा छै।
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वहीं बिहार के विभिन्न कोनों से जैसे भागलपुर निवासी हिंदी एवं अंगिका के वरिष्ठ साहित्यकार एवं तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुल गीतकार विद्यावाचस्पति अमोद कुमार मिश्र, बिहार के प्रतिष्ठित गजलकार व मुंगेर जिला निवासी श्री अनिरुद्ध सिंन्हा, वरिष्ठ कवि श्री विनोद कुमार हंसौड़ा (दरभंगा), युवा कवि व अंगिका ब्यायज के संस्थापक डॉ मनजीत सिंह किनवार (भागलपुर), युवा साहित्यकार व मुजफ्फरपुर जिला निवासी अमीर हमजा, इतना हीं नहीं हास्य व्यंग के कवि नागेंद्र मनी (वैशाली) और खगड़िया जिला के बहुचर्चित कवियित्री श्रीमती स्वराक्षी स्वरा, युवा कवि व मंच संचालक कुमार गौरव (भागलपुर), युवा गीतकार पूर्णेन्दु चौधरी (बेगूसराय), वीर रस के युवा कवि सुजीत संगम (बांका) के साथ ही साथ काव्य प्रस्तोता चक्रधर कृष्णा (बांका) आदि कई कवियों और कवियित्रियों ने वर्तमान राजनीति पर भी कटाक्ष कर राजनीतिक दलों को जमकर मारा निशाना। इसके साथ ही साथ भागलपुर जिले के युवा कवि मनजीत सिंह किनवार ने विभिन्न समाजिक कुप्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या, शराब बंदी एवं शिक्षकों पर बिहार सरकार की ओर शराब कारोबारी को लेकर नयी फरमान जारी करने आदि पर भी मौजूद दर्शकों का ध्यान आकृष्ट कर जमकर बिहार सरकार के ऊपर अपनी रचनाओं से लतारा। अंततः वैशाली जिला के निवासी हास्य व्यंग कवि नागेंद्र मनी ने अपनी हास्य व्यंग रचनाएं द्वारा विभिन्न पारिवारिक सामाजिक बिंदुओं पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर मौजूद दर्शकों को लोट पोट कर दिया। जिसकी रचनाएं से मौजूद दर्शक तालियां बजाने को विवस हो गये थे।

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आयोजक ने शांतिपूर्ण वातावरण में भव्य रूप मे कवि सम्मेलन आयोजन का मुख्य श्रेय अपने ग्रामीण युवाओं और कविगणों के किया नाम

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वहीं इस कार्यक्रम के आयोजक व संयोजक युवा कवि विकास सौलंकी ने कहा कि हमारा गांव शिक्षित व अनुभवी लोगों की सदा जन्मभूमि रही हैं। वर्षों से सुनी पड़ी हमारे गांव की ऐतिहासिक मंच पर रंगारंग कार्यक्रम अकेले संपन्न कराने बिल्कुल एक चुनौती थी, लेकिन ग्रामीण युवाओं और बुजुर्गों की अपार सहयोग के बदौलत हीं यह कार्यक्रम सफल रहीं। कवि सम्मेलन को लेकर हमारे गांव के हर एक युवा बुजुर्ग के द्वारा सकारात्मक सुझाव देना हीं मेरी सबसे बड़ी ताकत और हिम्मत बनी, जिसके बदौलत यह आयोजन बेहतरीन ढंग से संपन्न हुई। अंततः उपस्थित कविगणों के द्वारा बेहतरीन काव्य रचनाएं की बरसात होने के बाद दर्शकों को समस्या भुल तालियां की गरगराहट में लीन होते दिखाई दिए।

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मुखिया स्मृति कुमारी ने भी अपनी कई काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर किया र्शकों को मंत्रमुग्ध

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वहीं इस आयोजन को लेकर सियादतपुर अगुआनी पंचायत की मुखिया स्मृति कुमारी ने बताई कि हमारे गांव के इस कला परिषद भवन के ऐतिहासिक मंच पर तकरीबन 20 वर्ष पहले नुक्कड़ नाटक का आयोजन की जाती थीं। जो किसी कारणवश वर्षों से बंद पड़ी थी। वहीं इस वर्ष मां दुर्गा के कृपा से हमारे गांव के युवक विकास सौलंकी और उनके टीम के अथक प्रयास से जो वर्षों से बंद पड़ी इस आयोजन को वृहत् रुप से से जो आयोजन आयोजित हुई,वह एकदम काबिलेतारिफ हैं। इसके साथ ही साथ उन्होंने इस आयोजन को लेकर बेहद प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताई कि मैं खुद बीच बीच में चोरी छिपे कुछ लाइनें अपनी डायरी में लिखा करती थी, जो खुबसूरत लाइनें का डायरिनुमा पिटारा को इस आयोजन में खोलने का सौभाग्य अपने सैकड़ों ग्रामीणों और अतिथियों के समक्ष खोलने का सौभाग्य प्राप्त हुई। हालांकि वर्तमान समय में भींगी बारिश के कारण थोड़ी व्यवधान भी हुई, लेकिन अतिथि के रूप में मौजूद कविगणों की अद्भुत रचनाएं बारिश की समस्यायों से हजारों गुना बेहतर साबित हुई। हमारी कोशिश रहेगी कि आने वाले समय में भी अन्य अश्लील आयोजनों को इग्नोर कर इस तरह की आयोजन हमारे क्षेत्र में लगातार हो, ताकि हमारे क्षेत्र में युवा कवि विकास सौलंकी के जैसे कई बेहतरीन कवियां नजर आए। अंततः उपस्थित दर्शक ने कविगणों की हास्य रचनाओं को सुन प्रसन्नता से ओतप्रोत हुए थे.

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