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कुमार दीपक – स्वरोज़गार का सफल उदाहरण

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बिहपुर प्रखंड के मड़वा गांव के निवासी युवा कुमार दीपक ने अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर अपनी किस्मत खुद बनाई है। बेरोजगारी का रोना रोने के बजाय, उन्होंने स्वरोजगार को अपनाकर चिकेन फीड व्यवसाय में सफलता हासिल की है। पहले उन्होंने अपने गांव में लोगों की परेशानी को देखकर एक सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) खोला। इसके बाद मड़वा महंतस्थान एनएच31 चौक के समीप जया विद्या सीएससी के साथ-साथ चिकेन फीड का व्यवसाय भी शुरू किया।

दीपक के अनुसार, मुर्गीपालन व्यवसाय में लगे लोग अक्सर मुर्गियों के खाने के दाने को लेकर परेशान रहते थे। इस समस्या को देखते हुए उन्होंने कुमार इंटरप्राइजेज नाम से चिकेन फीड का व्यवसाय शुरू किया। केवल साढ़े चार लाख रुपये से शुरू किया गया यह व्यवसाय, महज छह माह में ही 24 लाख रुपये के टर्नओवर वाला बन गया है।

दीपक का कहना है कि चूजा से मुर्गी बनने तक केवल तीस दिन लगते हैं और मुर्गी का वजन एक किलो से अधिक हो जाता है। इसके लिए प्री स्टाटर फीड, स्टाटर फीड और अंत में फिनिशर फीड दस-दस दिनों तक खिलाना होता है। दीपक उन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो किस्मत के भरोसे बैठ जाते हैं। वे कहते हैं, “मत यकीं करो हाथों की लकीरों पर, किस्मत तो उनकी भी होती है, जिनके हाथ नहीं होते। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। काम सिर्फ काम होता है।”

इस प्रकार कुमार दीपक ने अपनी मेहनत से स्वरोजगार में एक मिसाल कायम की है।

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