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त्रिमुहान घाट पर कोसी का बालू बन रहा खनन माफियाओं का शिकार

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बिहार के कोसी क्षेत्र के त्रिमुहान घाट पर अवैध खनन का खेल पूरे जोर-शोर से चल रहा है। माफिया नियमों की अनदेखी करते हुए 10 से 15 फीट तक गहराई में बालू खनन कर रहे हैं। इससे न केवल अरबों रुपये की लागत से बनाए गए तटबंधों को खतरा है, बल्कि क्षेत्र की उपजाऊ जमीन भी बर्बादी की कगार पर है। किसानों का कहना है कि उनकी खेती पर इसका बुरा असर पड़ रहा है, और अगर यह जारी रहा तो उनका जीवन-यापन मुश्किल हो जाएगा।

दिन-रात बालू लदे ट्रक और ट्रैक्टरों का दौड़ना जारी
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, घाट पर दिन-रात ट्रक और ट्रैक्टर बालू ढोते रहते हैं। चारों तरफ धूल और गड्ढों वाली सड़कों से गुजरने में ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं, यह अवैध खनन पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है।

खनन विभाग का रुख: शिकायत दर्ज, कार्रवाई जल्द
जिला खनन पदाधिकारी केशव कुमार ने पुष्टि की है कि घाट पर खनन पूरी तरह अवैध है। उन्होंने कहा, “हमारे विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। खनन विभाग की ओर से कोई अनुमति नहीं दी गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।”

तटबंधों पर बढ़ा बाढ़ का खतरा
कोसी नदी के किनारे बने तटबंध क्षेत्रवासियों के लिए बाढ़ से बचाव का प्रमुख साधन हैं। लेकिन खनन के कारण तटबंध कमजोर हो रहे हैं, जिससे भविष्य में बाढ़ आने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। किसानों का कहना है कि अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो न केवल उनका जीवन प्रभावित होगा, बल्कि पूरे इलाके में तबाही मच सकती है।

ग्रामीणों की अपील: अवैध खनन पर रोक लगाई जाए
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर खनन जल्द नहीं रुका, तो वे विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।

समस्या का व्यापक असर

त्रिमुहान घाट पर अवैध खनन का मामला केवल माफियाओं की कमाई का जरिया नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के पर्यावरण, बाढ़ सुरक्षा और किसानों के जीवन पर सीधा प्रहार है। प्रशासन को तेजी से कदम उठाने होंगे ताकि यह खतरा जल्द से जल्द टल सके।

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