खरीक प्रखंड- विकास के नाम पर भ्रष्टाचार, प्रखंड प्रमुख पर संकट के बादल, अविश्वास प्रस्ताव की मांग

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नवगछिया अनुमंडल के खरीक प्रखंड में राजनीतिक भूचाल आ गया है। पंचायत समिति के सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख श्री शंकर प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार, तानाशाही और विकास कार्यों में उदासीनता का गंभीर आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की मांग की है। समिति के अनुसार, प्रमुख न केवल अपने कर्तव्यों में विफल रहे हैं, बल्कि प्रखंड की जनता और सदस्यों का विश्वास पूरी तरह खो चुके हैं।

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भ्रष्टाचार या तानाशाही?
सदस्यों का कहना है कि प्रमुख ने विकास योजनाओं को अपनी निजी जागीर बना लिया है। आरोपों के मुताबिक,

1. बैठकों में मनमानी: पंचायत समिति की बैठकें या तो नहीं होतीं या होती भी हैं तो सिर्फ औपचारिकता के लिए। सदस्यों को बोलने नहीं दिया जाता और योजनाओं की जानकारी तक साझा नहीं की जाती।

2. वित्तीय धांधली: आय-व्यय और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता का अभाव है। योजनाओं का पैसा अपनों में बांटने और कमीशनखोरी का आरोप भी प्रमुख पर है।

3. जातिसूचक टिप्पणियां और धमकियां: प्रमुख पर सदस्यों को जातिगत आधार पर अपमानित करने और अविश्वास प्रस्ताव लाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने का आरोप है।

जनता का गुस्सा, सदस्यों का असंतोष
सदस्यों ने आरोप लगाया है कि प्रमुख कार्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे जनता के काम लटक जाते हैं और समिति के सदस्य जनता के गुस्से का शिकार बनते हैं। उनके अनुसार, प्रमुख ने विकास कार्यों की उपेक्षा कर अपने स्वार्थ को प्राथमिकता दी है।

“यह प्रखंड प्रमुख का कार्यालय है या भ्रष्टाचार का अड्डा?”
पंचायत समिति ने दावा किया है कि प्रखंड परिसर में प्रमुख के कामकाज के तरीके इस कदर विवादित हैं कि पूरा प्रखंड उनका विरोध कर रहा है। उनके रवैये से समिति के सदस्य दहशत में हैं।

अविश्वास प्रस्ताव की मांग:
सदस्यों ने अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर विशेष बैठक बुलाने और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान की व्यवस्था करने की मांग की है। उनका कहना है कि प्रमुख के हटने से प्रखंड का विकास संभव हो पाएगा।

क्या होगा खरीक का भविष्य?
इस विवाद ने खरीक प्रखंड में राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। प्रमुख के खिलाफ उठी यह लहर क्या विकास की नई राह खोलेगी या विवाद का नया अध्याय जोड़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा। अनुमंडल पदाधिकारी के फैसले पर पूरे क्षेत्र की नजरें टिकी हैं।

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