Kameshwar Chaupal – कौन थे कामेश्वर चौपाल,राम जन्मभूमि आंदोलन का पहला कारसेवक, जिसकी एक ईंट ने राम मंदिर मुहिम की दिशा बदल दी

Kameshwar Chaupal – कौन थे कामेश्वर चौपाल,राम जन्मभूमि आंदोलन का पहला कारसेवक, जिसकी एक ईंट ने राम मंदिर मुहिम की दिशा बदल दी

Kameshwar Chaupal

Kameshwar Chaupal –  राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने वाले राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व एमएलसी कामेश्वर चौपाल ( Kameshwar Chaupal ) का गुरुवार को निधन हो गया. वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे. दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक रहे चौपाल को प्रथम कारसेवक का दर्जा दिया गया था.

Kameshwar Chaupal
                                                                                  Kameshwar Chaupal

कौन थे कामेश्वर चौपाल ( Kameshwar Chaupal ) ?
कामेश्वर चौपाल ( Kameshwar Chaupal ) बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं. उनको पहले कारसेवक के तौर पर जाना जाता है. चौपाल को सबसे बड़ी पहचान अयोध्या राम मंदिर आंदोलन से मिली है. उन्होंने  आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी. वह पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को राम जन्मभूमि मंदिर के लिए पहली ईंट (राम शिला) रखी थी. तब वह विश्व हिंदू परिषद के स्वयंसेवक थे.

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राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा
राम मंदिर का मुद्दा जोरशोर से उठाने वाले चौपाल के जोश को देखते हुए ही उनको राम  मंदिर के लिए पहली राम शिला (ईंट) रखने के लिए चुना गया था. कामेश्वर चौपाल ( Kameshwar Chaupal ) विश्व हिंदू परिषद से 1982 में जुड़े. 1989 में वीएचपी ( VHP ) ने उनको गया मुख्यालय के साथ राज्य प्रभारी बनाया. इसी दौरान वह राम मंदिर के लिए रामशिला लेकर अयोध्या आए थे. रिपोर्ट्स की माने तो हर गांव ने राम मंदिर निर्माण के लिए ईंट और 1 रुपये 25 पैसे दक्षिणा दी थी.

दो बार राज्यसभा सदस्य रहे
1991 में वह विश्व हिंदू परिषद छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) में शामिल हो गए. बीजेपी ने उनको लोकसभा का टिकट भी दिया लेकिन चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा. 2014 लोकसभा चुनाव में भी उनको हार का सामना करना पड़ा. हालांकि वह दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे.

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