परबत्ता जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने मोटी रकम ना देने पर विपक्षी का चाल बता किया इस मामले की खारिज

श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र से एक मामले सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रही है। जहां बोलता खगड़िया नामक न्यूज चैनल के एडिटर रविकांत चौरसिया द्वारा परबत्ता जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार के ऊपर जातिवाद, थप्पड़ बाजी व जान से मारने आदि विभिन्न तरह के निंदनीय आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। हालांकि इस मामले में क्या और कहां तक सच्चाई है और इस मामले की पुष्टि भी मैं नहीं करता। वहीं पुछताछ में बोलता खगड़िया के चीफ एडिटर रविकांत चौरसिया ने बताया कि परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार ने उन्हें अपने आवास बुलाकर पिस्टल तान कर जान से मारने की धमकी दी, साथ ही अपने बॉडीगार्ड के साथ मिलकर पत्रकार के साथ बेरहमी से मारपीट की और बेकवर्ड-फॉरवर्ड की बात कहीं। इससे भी मन नहीं भरा तो भद्दी-भद्दी गालियां दी और उनका वीडियो भी बनाया, यहाँ तक उन्होंने उस मारपीट की वीडियो को सोसल मीडिया पर वायरल करने की बात कही। वहीं इस मामले को लेकर एक वीडियो भी जारी किया गया। जिसमें साफ शब्दों में कहा कि मुझे परबत्ता विधायक डॉ० संजीव कुमार के द्वारा फोनकर, अपने आवास पर साक्षात्कार हेतु बुलाया गया और कैमरामैन को बाहर बैठने को बोला गया। उसके बाद परबत्ता विधायक डॉ० संजीव कुमार ने अपने कमरे चहारदीवारी के भीतर मेरे कनपटी पर पिस्टल तानकर कहा कि नीची जाति का होकर पत्रकारिता करता है, हमारे खिलाफ खबर पोस्ट करता है, अभी का अभी मार देंगे, फिर बाहर बॉडीगार्ड को बुलाकर, दोनो मिलकर मेरे साथ बेरहमी से मारपीट की।


वहीं इस मामले पर परबत्ता जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि रविकांत चौरसिया के द्वारा यह आरोप बिल्कुल ग़लत हैं। मैं जनता का सेवक हूं और हर समय जनता की सेवा और विकास पर सदैव अपनी दिलचस्पी रखता हूं। मैं ना कि इस तरह की अनर्गल और बेफिजूल बातें से कोई दिलचस्पी नहीं है। बांकी सच पुछिए तो आज बेमतलब बिना किसी सुचना के रविकांत चौरसिया मेरे आवास पर आए और मेरे पुर्व रुपेण मेरे कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर मेरे पास आए। जिसके बाद मेरे और मेरे पीए द्वारा उन्हें स्वागत के साथ चाय नास्ता और बर्फी खिलाए। इसी दौरान वो मेरे से बीते दिनों शिलापट्ट तोड़फोड मामले पर एक इंटरव्यू मांगा जिसपर मैंने कहा कि इस मामले का आज इंटरव्यू देने की कोई जरूरत नहीं है और मुझे आवश्यकता कार्य हेतु कहीं जाना है। तो उन्होंने कहा कि चलिए छोड़िए इंटरव्यू मत दीजिए। लेकिन एक निवेदन है कि बहुत जल्द आपके विधानसभा गोगरी बाजार में एक आफिस खोलने जा रहा हूं, जिसके लिए मुझे कम से कम 50 हजार रुपए की आर्थिक सहयोग चाहिए। तो मैंने कहा अभी तुरंत इतनी बड़ी रकम देने में मैं असमर्थ हुं। लेकिन आगे कोशिश कर आपको सहयोग कर दुंगा।


बहुत कहा सुनी के बाद मैंने अपने पाॅकेट से पांच हजार रुपए निकालकर सभी सहकर्मियों को मेला की मिठाइयां खाने को दिया। जिसे वो लेकर मेरे एक पीए के साथ चलते बना। रास्ते में वो मेरे पीए से बोला कि मुझे नानी घर जाने हैं आप बाई रोड निकल जाइए। इसके बाद पता नहीं वो मोबाइल पर लाइव आकर सीधे अनर्गल बातें और फालतू के अपवाह भरी लाइनें दागने शुरू कर दिया। जो सरासर झूठ है। मेरे लाख सपोर्ट के बावजूद उन्होंने मेरे विपक्षियों के कथनानुसार हर दिन मेरे विरोध में और एकतरफा खबर चलाने का काम किया है फिर भी मैं खगड़िया आफिस उद्घाटन में उसे जितना आर्थिक सहयोग किए हैं सायद कोई नहीं किया होगा। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का आईना और देश का स्तम्भ होता है, जिसका सदैव आदर करते आए हैं और करते रहेंगे।
