Jan Aushadhi Kendra Open process : इन दिनों जन औषधि केंद्र खोलने की चर्चा काफी हो रही है. सरकार इस योजना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. अगर आप भी जन औषधि केंद्र खोलने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है. आज हम आपको इसे खोलने की पूरी प्रोसेस बताएंगे :
PM Jan Aushadhi Kendra Yojana : इन दिनों जन औषधि केंद्र खोलने की चर्चा काफी हो रही है। सरकार इस योजना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। 2019 में संसद में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 2018 के अंत तक देश भर में लगभग 4,677 पीएमबीजेपी केंद्र (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana) काम कर रहे थे, जो रोगियों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं प्रदान कर रहे थे। ऐसे केंद्रों पर आम लोगों के लिए 800 से अधिक जेनेरिक दवाएं और 154 छोटे-बड़े चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना के पीछे का उद्देश्य सस्ती कीमतों पर 80-85% दवाएं उपलब्ध कराना है ताकि स्वास्थ्य सेवा में जेब खर्च को कम किया जा सके। विशेष रूप से कुछ दवाओं के मामले में कीमत संबंधित ब्रांडेड दवाओं के एमआरपी से 90 प्रतिशत कम तय की गई है।
जन औषधि केंद्र खोलने के हैं ये फायदे :
जो लोग इन केंद्रों को चला रहे हैं उन्हें हर महीने की बिक्री पर 15% प्रोत्साहन के साथ 20% मार्जिन मिलता है। प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा 10,000 रुपये प्रति माह है, और यह तब तक जारी रहती है जब तक कि इसमें 2.5 लाख रुपये की राशि शामिल नहीं हो जाती। विशेष रूप से, पीएमबीजेपी केंद्र खोलने के लिए 2.5 लाख रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है, और पूरी राशि प्रोत्साहन के माध्यम से वितरित की जाती है।
कौन खोल सकता है PMBJP केंद्र?
सरकार ने पीएमबीजेपी केंद्र खोलने के लिए तीन कैटेगरी बनाई हैं।
पहली कैटेगरी के तहत कोई भी बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, पंजीकृत चिकित्सक इसे खोल सकते हैं।
दूसरी कैटेगरी के तहत एक ट्रस्ट, एनजीओ, निजी अस्पताल, समाज और स्वयं सहायता समूहों को यह अवसर दिया जाता है।
तीसरी कैटेगरी के तहत ऐसे केंद्र खोलने के लिए सरकार द्वारा नामित एजेंसी को अधिकृत किया जाता है।
5,000 रुपये में कर सकते हैं अप्लाई :
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आपको एक आवेदन करना होगा, जिसका शुल्क 5,000 रुपये है। यहां ध्यान रहे इन केंद्रों को खोलने के लिए आवेदक के पास डी. फार्मा अथवा बी. फार्मा का सर्टिफिकेट होना जरूरी है। इसके अलावा आपके पास सेंटर खोलने के लिए पर्याप्त स्थान भी होना चाहिए, जिसका एरिया करीब 120 वर्गफुट तय किया गया है।आवेदन प्रक्रिया के दौरान विशेष श्रेणी और विशेष क्षेत्र के आवेदनकर्ताओं को शुल्क में छूट का भी प्रावधान किया गया है।
PMBJP केंद्र के माध्यम से आय :
आय दवाओं की प्रति माह बिक्री से संबंधित है। यदि आप 1 लाख रुपये की दवाएं बेचने में सक्षम हैं, तो आपको 20,000 रुपये की आय होगी, क्योंकि बिक्री पर 20% का कमीशन निर्धारित है। शुरुआत में आपको आपकी मासिक बिक्री पर सीधे आपके बैंक खाते से डेबिट होने पर 15% का प्रोत्साहन भी मिलेगा। इस तरह 1 लाख रुपये की मासिक बिक्री पर आप 30,000 रुपये कमाएंगे।
कैसे खोलें जनऔषधि केंद्र ?
ऐसे केंद्र खोलने के लिए आपके पास जनऔषधि केंद्र के नाम से खुदरा दवा बिक्री का लाइसेंस होना चाहिए। अपना आवेदन प्रस्तुत करने के लिए आपके पास पैन कार्ड और आधार कार्ड होना चाहिए, जबकि गैर सरकारी संगठनों, अस्पतालों, धर्मार्थ ट्रस्टों को पीएमबीजेपी केंद्र खोलने के लिए पैन और आधार कार्ड के साथ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज :
आधार कार्ड
फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
पैन कार्ड
मोबाइल नंबर
निवास प्रमाण पत्र
ये है आवेदन की प्रक्रिया :
आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in पर जाएं.
होम पेज पर मेन्यू में Apply For Kendra के ऑप्शन पर क्लिक करें.
नए पेज पर Click Here To Apply ऑप्शन पर क्लिक करें.
अब Sign in फॉर्म खुलेगा, जिसके नीचे Register now विकल्प को चुनें.
ऐसा करने पर आपकी स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा, इसमें मांगी गई जानकारियां भरें.
इसके बाद डप बॉक्स में राज्य सेलेक्ट करें और के आईडी-पासवर्ड सेक्शन में कन्फर्म पासवर्ड दर्ज करें.
इसके बाद आपको टर्म्स एंड कंडीशंस पर टिक करना होगा और फिर सब्मिट ऑप्शन पर क्लिक कर दें.
अब आपका पीएम जन औषधि केंद्र के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रोसेस पूरा हो जाएगा.
अब तक खुले इतने औषधि केंद्र :
अब तक देश में 9,400 से ज्यादा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं और सरकार की ओर से इनकी संख्या और बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने देश में 2,000 और जन औषधि केंद्र खोलने को मंजूरी दी है। इनमें से अगस्त 2023 तक 1,000 केंद्र खोले जाएंगे, जबकि बाकी बचे 1,000 सेंटर साल के अंत तक यानी दिसंबर 2023 तक ओपन होंगे। इन औषधि केंद्रों में 1800 प्रकार की दवाइयां और 285 मेडिकल डिवाइस रखे जाते हैं। सबसे खास बात ये है कि ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में जन औषधि केंद्रों पर 50 से 90 फीसद तक कम कीमत पर दवाएं मिल जाती हैं।