मध्य विद्यालय मकतब मिल्की में फ़र्स पर बैठकर पढ़ते है बच्चे ।
- शौचालय में लटकता रहता है ताला, मलमूत्र त्याग करने घर जाते है छात्र-छात्राएँ
- विद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों में रोष
- एचएम पर कार्यवाई की मांग
बसंत कुमार चौधरी/नवगछिया। गत सप्ताह नवगछिया प्रखंड के मध्य विद्यालय महदत्तपुर में मिडडे भोजन में चिपकली के टुकड़े मिलने के बाद दो सौ से अधिक बच्चों की तबियत बिगड़ गई थी। सभी का इलाज अनुमंडल अस्पताल नवगछिया में हुआ था। वही विरोध में विद्यालय में तालाबंदी तथा ग्रामीणों की मांग पर अनुमंडल प्रशासन के द्वारा कार्यवाई करते हुए विद्यालय एचएम को निलंबित और सभी शिक्षकों का स्थानान्तरण घटना के दूसरे दिन कर दिया गया था। वही जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीओ ने सभी विद्यालय में बनने वाले मिडडे भोजन को बच्चों के खाने योग्य तैयार करने के लिए रसोई को स्वच्छ और भोजन को गैस सिलेंडर पर तैयार करने का आदेश दिया था लेकिन जिला व अनुमंडल प्रशासन के इस आदेश का कही भी किसी विद्यालय में अनुपालन नही हो रहा है। अनुमंडल क्षेत्र के अधिकांश विद्यालय में शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विद्यालय संचालन एवं मिडडे भोजन में सुधार नही होने से बच्चे परेशान हो रहे है।
बच्चों के स्वास्थ्य के साथ विद्यालय प्रभारी खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां तक की कई विद्यालय में शौचालय में एचएम ताला लगाकर रखते हैं। बच्चे विद्यालय से दूर अपने घर मलमूत्र त्याग करने जाने को बेवश हैं। वही शिक्षा विभाग के अधिकारीगण इस ओर ध्यान आकृष्ट नही कर रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा नियमानुसार सभी विद्यालय में विकास फंड विद्यालय की व्यवस्था को सुदृढ एवं स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए आवंटित किया जाता है। लेकिन विद्यालय के प्रभारी इस फंड से अपना खुद का विकास करने में जुट जाते है और लोग इसके लिए सरकार एवं शिक्षा विभाग को दोषारोपण करते हैं। ताजा मामला बिहपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय मकतब मिल्की में मिडडे भोजन मेन्यू के अनुसार नही बनता है। मिडडे भोजन को गैस सिलेंडर के बजाय लकड़ी पर तैयार किया जाता है। रसोईघर पूरी तरह अंधेरा और गंदगी से भरा हुआ था। मिडडे भोजन में चावल, दाल और आलू की शब्जी थी। हरी शब्जी नही बना था। चावल खाने योग्य नही था। चावल की क्वालिटी बिल्कुल गंदा और पुराना था। तीन चार महिलाएं उस चावल को झाड़ फटक रही थी। मिडडे भोजन को अंधेरे कमरे में लकड़ी पर तैयार किया जा रहा था। बर्तन मांजने वाले चूल्हे के राख और ब्रश में कीड़े दिख रहे थे और उसी ब्रश से बर्तन साफ किया जाता है। सोमवार को विद्यालय एचएम मो मोनाक़िब अंसारी विद्यालय में मौजूद नही थे। चार शिक्षकों के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। जिसमे दो शिक्षक और दो शिक्षिकाएं थी। बता दें कि मध्य विद्यालय मकतब मिल्की में वर्ग प्रथम से आठवीं कक्षा तक में करीब दो सौ से अधिक बच्चे पढ़ाई करने आते है। विद्यालय में तीन शिक्षक और तीन शिक्षिकाएं कार्यरत है। जबकि सोमवार को मात्र चार शिक्षक ही विद्यालय में मौजूद दिखे। एचएम समेत एक शिक्षक-शिक्षिका अनुपस्थित मिले। विद्यालय का हाल पूरी तरह बदहाल एवं अव्यवस्थित था। बच्चों को खाली फ़र्स पर बैठाकर पढ़ाया जाता है। विद्यालय में कमरों का अभाव और शौचालय में वर्षो से ताला लटक रहा है। छात्रों ने बताया कि शौचालय का ताला कभी नही खुलता है। हमलोग घर जाकर मलमूत्र त्याग करते हैं। जिससे समय और पढाई दोनो बाधित होता है। रिपोर्टिंग की सूचना पर बच्चों के अविभावक भी विद्यालय पहुँचे और पत्रकारों को विद्यालय की कुव्यवस्था और एचएम समेत शिक्षकों की मनमानी का विरोध करते हुए प्रशासन से कार्यवाई की मांग की। ग्रामीणों ने कहा विद्यालय में मिलने वाले विकास फंड एचएम खा जाते हैं। यहां नियमित व समुचित ढंग से पठन पाठन नही होता है। एचएम मोनाक़िब अंसारी कभी भी समय पर विद्यालय नही आते है। ग्रामीणों ने एचएम के मनमानी का कड़े लहजे में जिक्र करते हुए बताया कि एचएम इसी गांव के हैं जिस कारण मनमानी करते हैं। सभी ने विद्यालय की व्यवस्था को सही करने की अपील की है। ग्रामीणों ने कहा विद्यालय में शाम ढलते ही चोर उचक्के नशापान और जुआ खेलते है। कोई देखने वाला नही है। इस बारे में भागलपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि अनियमितता को लेकर विद्यालय की जांच कर कार्यवाई की जाएगी।