बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर खरीक में भव्य समारोह
विधायक शैलेंद्र ने कहा – कांग्रेस ने आंबेडकर को हमेशा किया नजरअंदाज, भाजपा ने दिलाया वास्तविक सम्मान
खरीक (भागलपुर)। सोमवार को भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की 133वीं जयंती खरीक प्रखंड के अंबेडकर चौक पर पूरे श्रद्धा, उल्लास और गरिमा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन मंडल भाजपा द्वारा किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, युवाओं और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा उत्तरी मंडल अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन महामंत्री अजीत चौधरी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में बिहपुर के भाजपा विधायक ई. शैलेंद्र तथा भाजपा जिलाध्यक्ष मुक्तिनाथ सिंह निषाद उपस्थित थे।
विधायक शैलेंद्र ने कांग्रेस पर बोला हमला
अपने संबोधन में विधायक ई. शैलेंद्र ने कहा कि “बाबा साहेब के जीवन को शब्दों में बांधना, सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है। वे न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि सामाजिक न्याय के सबसे प्रबल योद्धा भी थे।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि 1990 में जब केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार बनी, तब जाकर बाबा साहेब को भारतरत्न से सम्मानित किया गया।
उन्होंने आगे कहा, “उसी वर्ष 12 अप्रैल को बाबा साहेब की तस्वीर को संसद के केंद्रीय कक्ष में स्थापित कर उन्हें वह सम्मान दिया गया, जिसके वे दशकों से हकदार थे। जबकि कांग्रेस ने हमेशा उनके कद को छोटा दिखाने का प्रयास किया। नेहरू मंत्रिमंडल से उन्हें जानबूझकर दरकिनार किया गया, और 1956 में उनकी मृत्यु के बाद दिल्ली में उनके स्मारक निर्माण को भी कांग्रेस ने रोक दिया था। वह स्मारक वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू कर 2018 में पूरा किया गया।”
स्थानीय नेताओं ने रखे विचार
इस अवसर पर प्रो. गौतम, मेहता सच्चिदानंद, नवीन उर्फ चून्नू चौधरी, बाल्मिकी मंडल, ब्रजेश चौधरी, दिलीप महतो, पवन यादव, रंजीत गुप्ता, संजय शर्मा, चंद्रशेखर सिंह, अजय उर्फ माटो, लालमोहन, सिंटू, शुभम, सदानंद समेत कई स्थानीय नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी ने बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात करने और सामाजिक समरसता के उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनके योगदान को ऐतिहासिक बताते हुए उन्हें युगपुरुष करार दिया। वहीं उपस्थित जनसमूह ने ‘जय भीम’ के नारों के साथ सामाजिक न्याय और समानता का संकल्प दोहराया।