विश्व के अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन, नव वर्ष मनाए जाते हैं। अकेले भारत में ही 12 से अधिक स्थानीय नववर्ष परंपराएं हैं, जैसे नव संवत्सर, उगाडी, गुड़ी पड़वा, बैसाखी, नवरेह- कश्मीरी नववर्ष, आदि आदि। हम सब को सभी तरह के नव-वर्षों को एक दूसरे को इज्जत मान देते हुए, बधाइयां देते हुए मनाना चाहिए।