श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत डुमरिया बुजुर्ग गांव स्थित भगवती मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के उपलक्ष में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान को लेकर 501 कुमारी कन्याओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जहां कथावाचक के रूप में हिमालय के सुप्रसिद्ध शिवयोगी ब्रह्मऋषि राष्ट्रीय संत डाक्टर दुर्गेशाचार्य जी महाराज का आगमन हुईं है। जिनके द्वारा सोमवार सुबह पवित्र नदी उत्तरवाहिनी अगुवानी गंगा नदी तट पर से कलश शोभायात्रा के पश्चात दोपहर बाद 3 बजे से रात्रि 7 बजे तक उनके मुखारविंद से आत्मदेव प्रसंग ज्ञान वैराग्य की कथा प्रवचन की गंगा बहती रही और आगामी 19 फरवरी तक यह श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की गंगा बहेगी,जिसको लेकर डुमरिया बुजुर्ग समेत आसपास के कई अन्य गांवों के सैकड़ों कथा प्रेमियों का आगमन हुईं। तत्पश्चात रात्रि जागरण कार्यक्रम का भी भव्य आयोजन की जा रही है, जिसमें स्थानीय गायक कलाकारों जैसे रामकिंकर सिंह, गोपाल कुमार, राजीव सिंह, मनीष कुमार मानस,शुभम भास्कर, अर्चना गोस्वामी आदि के साथ ही साथ अंतरास्ट्रीय सिनेज स्टार गायक – गायिकाओं जैसे स्नेहा सरगम, शिवानी सिंह,स्वीटी नाद,आदिती राज, शिवानी सिंह समेत निशा उपाध्याय का आगमन सुनियोजित है।
वहीं श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के प्रथम दिन कथावाचक दुर्गेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीला अपरम्पार है। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि प्रार्थना अपने इष्ट के प्रति बिना किसी देरी पहुंच जाती है। उन्होंने बताया कि संसार की किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिये पोस्टमैन की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन हृदय से समर्पित की गई प्रार्थना एक ऐसी अभिव्यक्ति है, जो बिना किसी पोस्टमैन तत्क्षण गन्तव्य स्थान तक पहुंच जाती है।
वहीं आयोजक सतीश मिश्रा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायक हैं तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है। इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए। इसके अलावा रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन-चक्र से जुड़े प्राणियों को उनकी वास्तविक पहचान करता है। आत्मा को अपने स्वयं की अनुभूति से जोड़ता हैं।
सांसारिक दुख, लोभ-मोह- क्षुधा जैसी तमाम प्रकार की भावनाओं के बंधन से मुक्त करते हुए नश्वर ईश्वर तथा उसी का एक अंश आत्मा से साक्षात्कार कराता है। इसके अलावा ग्रामीण अभिषेक कुमार, अनिल कुमार B.S.F, विनय चौधरी (बिहार पुलिस), रजनीश चौधरी, त्रिपुरारी सिंह (B.M.P) और अंकुर चौधरी (B.S.F), बालमुकुंद महंथ,मुरारी मिश्र आदि ने कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता। इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं। भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए, उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। मौके पर दर्जनों बालक बालिकाओं व युवा कार्यकर्ताओं और सैकड़ों श्रोता गण मौजूद थे।