नवगछिया: भारत के आर्थिक सुधारों के महानायक और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली में निधन हो गया। उन्होंने रात 8:06 बजे अंतिम सांस ली। देश के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 2004 से 2014 तक दो कार्यकाल पूरे किए। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और इस पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले नेताओं में चौथे स्थान पर रहे। शिक्षक से प्रधानमंत्री तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा।
1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। उनकी सादगी, सौम्यता और आर्थिक मामलों में उनकी स्पष्ट व दूरदर्शी सोच ने उन्हें एक अलग पहचान दी। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
श्री सद्गुरु साईंनाथ सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शुभम यादव ने डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह ने वैश्वीकरण, उदारीकरण, सूचना का अधिकार अधिनियम, रोजगार गारंटी योजना, न्यूक्लियर डील, आधार कार्ड, और शिक्षा का अधिकार जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए। श्री यादव ने मांग की कि डॉ. सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए, क्योंकि उनका योगदान देश के लिए अविस्मरणीय है।
शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें अर्द्धसैनिक बलों द्वारा 21 तोपों की सलामी दी गई।