Delhi Pollution : ‘जहरीली’ हुई दिल्ली की हवा, कई इलाकों में 500 के करीब पहुंचा AQI
Delhi Pollution : सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें, तो राजधानी के ज्यादातर इलाकों में हवा गंभीर के स्तर पर बनी हुई है।
- इसका सबसे अच्छा लेवल 50AQI से कम को माना जाता है
- लेकिन दिल्ली के सभी इलाकों में हवा का स्तर गंभीर पर है
- आने वाले दिनों में भी लोगों को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही
दिल्ली की फिजाओं में तैर रहा प्रदूषण रूपी ‘जहर’ और खतरनाक होता जा रहा है। बीते कई दिनों से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 350 या 400 के पार चल रहा है। आज शाम करीब 4.30 बजे दिल्ली के आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 447 पर पहुंच गया। यह गंभीर कैटिगरी में है और पीएम 2.5 व पीएम 10 दोनों का ही लेवल बहुत अधिक है। कहा जा रहा है कि प्रदूषण के इस स्तर से दिल्लीवालों को अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाई जा रही है। इस वजह से आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और खतरनाक हो सकती है।
सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें, तो आज शाम 4.30 बजे राजधानी के ज्यादातर इलाकों में हवा गंभीर के स्तर पर बनी हुई है। आनंद विहार से लेकर नरेला, पटपड़गंज आदि इलाकों में AQI 400 से 450 के बीच है। इसका सबसे अच्छा लेवल 50AQI से कम को माना जाता है। 51 से 100 के बीच AQI रहे तो हवा संतोषजनक कही जाती है। 300 से ऊपर स्तर पहुंचने पर हवा को खराब माना जाता है, लेकिन दिल्ली की एयर क्वॉलिटी तो 400 के भी पार चली गई है यानी यह गंभीर स्तर है।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण दिल्ली में लागू हो गया है। इसके बावजूद प्रदूषण ‘गंभीर’ कैटिगरी में बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन 52 स्टेशनों का डेटा मौजूद है, उनमें से 33 जगहों पर एयर क्वालिटी गंभीर श्रेणी में जबकि 18 इलाकों की बहुत खराब श्रेणी में है।
दिल्ली के मौसम में बदलाव आते ही हवा जहरीली होती चली जाती है। धूल के छोटे कणों के नीचे बैठने से एयर क्वॉलिटी में बदलाव आता है। हर साल सर्दियों का मौसम शुरू होते ही यह परेशानी देखने को मिलती है। बताया जाता है कि आजकल हवाओं के बहने की रफ्तार उत्तर-पश्चिमी हो गई है। इसके अलावा पराली का धुआं भी दिल्ली में पहुंच रहा है। सुबह के समय दिल्ली के तमाम इलाकों में स्मॉग की चादर बिछी हुई दिखाई देती है। धूप निकलने से इसमें कमी तो आती है, लेकिन प्रदूषण इतना अधिक है कि वह पूरी तरह से छंट नहीं पा रहा।