साहित्य

खुद को दीप्तिमान कर
खुद को दीप्तिमान कर शांति से सहन कर,अहं का दमन कर, बेकार तकरार में,वक्त न गवाइए। आलस्य को तज कर,खड़ा…

मुझे हवाओं में बिखरने दो
विषय — मुझे हवाओं में बिखरने दो मुझे हवाओं में बिखरने दो अपनी करामत की खुशबू इन फिजाओं में फैलाने…

या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
छठवें दिन कात्यायनी देती रोग-शोक मुक्ति पाते। षष्ठी मां कात्यायनी की पूजा को है समर्पित करते। छठा स्वरूप करुणामयी, भक्तों…
(दुर्मिल सवैया-8×सगण-112)
(दुर्मिल सवैया-8×सगण-112) (कमनीया-नायिका) कजरा अँखियाँ मुँहना ललिया पलकाँ फहरायि रही मुनियाँ । नकिया नथिया मथवा टिकवा चँदना ललचायि रही रनियाँ…
माँ स्कंद माता
माँ स्कंद माता स्कंदमाता का आज पंचम रूप माता की करते सभी हैं। वंदना देती सुख अपार ममता दे सबको…
सुखद भोर वन्दन
सुखद भोर वन्दन नव दुर्गा की नव सुबह नव संवत्सर सजा रही है शेरोवाली माँ अम्बिके करुणा सब पे बरसा…

॥ दिल का दर्द ॥
कविता ॥ दिल का दर्द ॥ रचना ॥ उदय किशोर साह ॥ मो० पो० जयपुर जिला बॉका बिहार दिल का…