
उजालों जाना छोड़ दिया
मैखाने वाली गली में जाना अब छोड़ दिया।सच कहूँ तो मोहोब्बत करना ही छोड़ दिया। कुरान पढ़ने लगा हूँ कुछ…
मैखाने वाली गली में जाना अब छोड़ दिया।सच कहूँ तो मोहोब्बत करना ही छोड़ दिया। कुरान पढ़ने लगा हूँ कुछ…
वाक्छल की बहती आंधी मेंलाजबाब झूठ के आगेसच को हारते देखासत्ता युद्ध के समरांगन मेंनागरिकों को ललकारते देखाशपथ की परिभाषाओं…
मौन होकर इस धरा पर क्या,वयक्त करना चाहते हो।देख अत्याचार नेत्र से सारे,अनभिज्ञ बनना चाहते होइस धरा पर हो रहे…
———————————.संभावनाओं की तलाश मेंऊंघता मुमूर्षित गंवई कस्बाअटकी स्मृतियों के दरबे सेहाथ जोड़े झुकाये सिर कोहै करूण नजरों से निहारताभद्रलोकी नारों…
बचपन जिसका था भोलाभाला,यौवन के जोश में, स्वयं को खोया,जब बना बालक से जवान ,कि कितना बदल गया इंसान।अब सोचे…
जाने कहां गई दया ममता जहान से,कोई जिए या फिर मरे इसकी फिकर नहीं। पैरों तले कुचल के उसको आगे…
“दोहों में” माता की चिट्ठी मिली,झंकृत उर के तार।लगता मुझको मिल गया,यह पूरा संसार।। माता की चिट्ठी सुखद,जो लगती उपहार।माता…
भागलपुर के युवा कवि – कहानीकार धनंजय कुमार का साहित्य लेखन से गहरालगाव है ! कविता – कानन पत्रिका के…