नीतीश कुमार के झांसे में बिहार के नौजवान अब आने वाले नहीं है : अरुण यादव
युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि 18 -25 वर्ष के युवाओं को बुजुर्गों के पास बैठकर पूछने की जरूरत नहीं है।
बुजुर्ग खुद 18 -25 साल के नौजवानों को बताते हैं कि 1990 के पहले बिहार में सामंतों का राज था। सामंतवादी लोग गरीबों को सम्मान के साथ जीने नहीं देते थे। 1990 में लालू प्रसाद यादव जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हर वर्ग के गरीब-गुरबों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिला। लालू यादव जी ने गरीबों को मुँह में आवाज देने का काम किया है। बिहार में 1990 से 2005 तक सामाजिक न्याय की सरकार थी। जिस सरकार में दलित,अतिपिछड़ों, पिछड़ों और प्रगतिशील वर्ग के गरीब लोगों का समग्र विकास हुआ है।
यादव ने कहा कि ललन सिंह कुछ भी कर ले लेकिन बिहार के 18 से 25 साल के नौजवान अब नीतीश कुमार के झांसे में नहीं आने वाला है। क्योकि बिहार के युवाओं को पता है 16 साल के शासनकाल में नीतीश कुमार ने छात्र युवाओं को ठगने का काम किया है। बिहार को बेरोजगारी का केंद्र बनाने का काम किया है। नीतीश कुमार ने 16 साल के शासनकाल में बिहार में एक सुई की फैक्ट्री भी नहीं लगा पाए। बिहार में रोजगार नहीं मिलने के कारण प्रदेश से युवाओं का पलायन अनवरत जारी है। इसलिए बिहार के युवा अपना भविष्य नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी में देख रहे हैं।