नवगछिया के बलाहा गांव की रश्मि उर्फ आसना कुमारी सिंह ने अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा में पूरे बिहार में पांचवां स्थान हासिल कर गांव और जिले का नाम रोशन किया है। महिला श्रेणी में उन्होंने पूरे बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनका चयन उच्च माध्यमिक विद्यालय के 11वीं और 12वीं के लिए अंग्रेजी विषय की शिक्षिका के रूप में हुआ है।
सपनों को साकार करने की कहानी
22 जुलाई को आयोजित इस परीक्षा में आसना ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन का परचम लहराया। परीक्षा परिणाम आने के बाद उनके नैहर बलाहा और ससुराल दोनों जगह खुशी का माहौल है। पिता बिमलेन्दु कुमार सिंह बौसी के सीएमडी उच्च विद्यालय में विज्ञान के शिक्षक हैं, जबकि मां संध्या सिंह भाजपा की सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
आसना की प्रारंभिक शिक्षा बौसी के अद्वैत मिशन मंदार विद्यापीठ से हुई। उन्होंने 12वीं के बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। बचपन से ही शिक्षिका बनने का सपना रखने वाली आसना ने शादी के बाद भी अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा।
मातृत्व और पढ़ाई के बीच संतुलन
शादी के बाद पांच वर्षीय पुत्र की जिम्मेदारी के बावजूद उन्होंने पढ़ाई में कोई समझौता नहीं किया। उनके इस संघर्ष और सफलता ने न केवल महिलाओं को प्रेरित किया है, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दी है।
परिवार और समाज का मिला सहयोग
उनकी सफलता में परिवार का बड़ा योगदान रहा। उनके पिता और मां ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। आसना का कहना है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी परिस्थिति आपको अपने लक्ष्य से नहीं रोक सकती।
गांव में जश्न का माहौल
आसना की इस उपलब्धि ने बलाहा गांव को गर्व का मौका दिया है। गांव के लोग मिठाई बांटकर और ढोल-नगाड़ों के साथ इस सफलता का जश्न मना रहे हैं। ससुराल में भी उनका भव्य स्वागत किया गया।
आसना की कहानी महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका यह कहना है कि अगर महिलाएं अपने सपनों को लेकर संजीदा हों, तो कोई भी चुनौती उन्हें रोक नहीं सकती।