सावन माह का शुभारंभ पर अगुवानी गंगा घाट पर व्यवस्था नदारद ।

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श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से

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हजारों की संख्याओं में कांवरिया जल भर जाते हैं बाबा भोलेनाथ धाम

परबत्ता प्रखंड के बहुचर्चित अगुवानी गंगा घाट पर श्रावणी मेला को लेकर सरकार के मुलाजिम का को कांवरिया सुविधा का ख्याल नहीं रहा, जबकि गुरुवार को साबन माह की शुरुआत हो चुकी हैं और कांवरियों का आवागमन प्रारंभ हो चुकी हैं। किंतु इसके मद्देनजर किसी अधिकारियों ने अभी तक अगुआनी गंगा घाट और बस स्टैंड पर कांवरियों की उचित व्यवस्था हेतु अभी तक अपनी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई हैं। आखिर इस रास्ते से कांवरिया कैसे गुजरेगी सावन में यहां कांवरिया का आना जाना भी शुरू हो चुका हैं, खासकर रविवार दोपहर बाद से लेकर सोमवार प्रातः समय तक और शुरू – अंतिम सावन के दिन तो काफी संख्या में कावरिया इस गंगा घाट से जल भरकर मरबा, सिन्हेश्वर स्थान आदि कई मंदिरों में जलार्पण खातिर जाते हैं। आपको ज्ञात हो कि रविवार की देर संध्या तक कावड़िया पहुंचते हैं और रात्रि में ही जल भरकर सिंघेश्वर, तिलेश्वर भागलपुर के मरवा महादेव आदि मंदिरों में जल चढ़ाने जाते हैं। जबकि कई कांवरिया अगुवानी गंगा घाट पार कर देवघर के लिए भी रवाना होते हैं। इस बार तो श्रावणी मेला को लेकर समिति की बैठक तक नहीं हुई, जबकि प्रति वर्ष दो साल पूर्व कांवरिया समिति व स्थान जनप्रतिनिधियों की बैठक भी आयोजित होती थी, लेकिन इस बार सावन शुरू हो गया, लेकिन बैठक तक भी नहीं हुआ। इससे साफ स्पष्ट होता है कि कांवरियों की व्यवस्थाओं की ओर किसी भी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की इस सावन माह में दिलचस्पी नहीं है।

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इतना ही नहीं यहां के अगुवानी स्टैंड की जमीन पर दबंगों का कब्जा हैं। सरकार की संपत्ति को दबंग लोग कब्जा जमा कर अपना उल्लू सीधा कर रहा हैं। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के मद्देनजर भी किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आज स्थिति यह है कि यहां कांवरिया धर्मशाला, अगुवानी बस स्टैंड पर और गंगा घाट के रास्ते पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, गंगा घाटों में वेटेकेटिंग, रोशनी की व्यवस्था, अस्थाई स्नान घर आदि किसी तरह की व्यवस्था नहीं हुई। ऐसे ऐतिहासिक महत्व रखने वाले अगुवानी गंगा घाट मोक्षदायिनी माना जाता हैं। यहां कई जगहों से कांवरिया पहुंचते हैं किंतु प्रशासन ने अभी तक इसकी सुविधा पर अपना ध्यान नहीं दिया हैं। अगुवानी गंगा घाट उत्तरवाहिनी गंगा होने को लेकर यहां सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी आदि कई जिलों और पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालु जलाभिषेक व अंतिम संस्कार के लिए आया करते हैं। यहाँ गंगा घाट अगुवानी स्थित कांवरियां धर्मशाला व बस स्टैंड पर साफ सफाई तक नहीं हुआ हैं। अभी तक कोई समुचित व्यवस्था नहीं किया गया। कांवरिया धर्मशाला व बस के प्रांगण में गंदगी का अंबार लगी हुई हैं, बस स्टेन्ड की सरकारी जमीन लोगों द्वारा अधिक्रमित कर लिया गया हैं। सुविधाओं के नाम पर अभी तक खानापूर्ति हो रहीं हैं। उत्तर वाहनी अगुवानी गंगा का एक अलग ऐतिहासिक महत्व रखता हैं। खगड़िया और भागलपुर सीमा में स्थित गंगा की मुख्यधारा में अजगैबीनाथ मंदिर भी हैं, उत्तर वाणी होने के कारण इस गंगा घाट का कई दृष्टि से महत्व हैं। यहाँ सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी सहित पड़ोसी देश नेपाल भूटान से यहां लोग पहुंचते हैं। प्रतिदिन 60 हजार से अधिक कांवरिया पहुंचते हैं।

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श्रावणी मेला के अवसर पर उत्तर वाणी अगुवानी गंगा घाट सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा समेत विभिन्न पड़ोसी देशों से भी जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। प्रत्येक रविवार पर जलाभिषेक के लिए सुल्तानगंज जाते हैं। वही श्रावण मास की प्रति सोमवार को बड़ी भीड़ रहती हैं। भागलपुर जिला के बीच स्थित मरवा मेला, बेलदौर की फुलेश्वर सिंघेश्वर स्थान मधेपुरा से हजारों की संख्या में कांवरिया जलाभिषेक के लिए गंगा घाट आते हैं, किंतु अगुवानी गंगा घाट से लेकर अगुवानी स्टैंड के धर्मशाला मुसाफिरखाना आदि जगहों पर साफ-सफाई पेयजल की उचित व्यवस्था समेत अन्य सुविधा अभी तक नहीं किया गया हैं।

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वर्षो पहले खगड़िया के तत्कालीन एसडीओ संतोष मैथ्यू के द्वारा स्टैंड की जमीन को कटीले तार से घेराबंदी कर मुसाफिरखाना शौचालय आदि बनाए गए थे, आज स्टैंड का रूपरेखा समाप्त हो चुका हैं, कटीले तार भी लोग तोड़कर उसके जमीन को अतिक्रमीत कर लिए हैं। अगुवानी गंगा घाट की ऐतिहासिक मान्यता को देखते हुए 1980 में तत्कालीन एसडीओ संतोष मैथ्यू द्वारा अगुवानी बस पड़ाव की सरकारी जमीन की पैमाइश कराई गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर कार्य उचित सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए विकास योजना कांवरिया की सुविधा को देखते हुए जिला विकास योजना की लाखों राशि से कांवरिया धर्मशाला पुरुष व महिला के लिए स्नान घर, शौचालय रोशनी की समुचित व्यवस्था कराई गई थी, सुरक्षा को लेकर पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी, किंतु आज सभी सुविधाएं नदारद है ।प्रशासन को तनिक भी इसमें रुचि नहीं दिख रहा हैं।

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वहीं अगुवानी गंगा घाट पर कांवरियों को पुजा अर्चना खातिर हर वर्ष दुकान लगाने वाले दुकानदार और अगुवानी गांव निवासी आत्मानंद सिंह पुत्र सौरभ कुमार ने बताया कि कांवरियों की आगमन गुरुवार को दोपहर बाद से आने शुरू हो गये हैं। लेकिन इस बार कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं। हर वर्ष सावन माह में नदियों के अंदर बैरिंगेटिंग और लाइटिंग लगाई जाती थी, इतना हीं नहीं प्रशासन भी मौजूद रहते थे लेकिन इस बार किसी के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई हैं। जिसके कारण कांवरियों को हीं नहीं बल्कि हमलोगों को भी पड़ेशानी हों रहीं हैं।

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वहीं अगुआनी बस स्टैंड पर वर्षों से दुकानदारी करने वाले अगुवानी गांव निवासी दुकानदार भगवान सिंह पुत्र राजीव कुमार सिंह ने भी कहा कि इस बार बस स्टैंड पर कोई सुविधा नहीं की गई हैं। हालांकि कांवरियों का आना जाना शुरू हो गया है। इधर कांवरिया धर्मशाला पर तो गंदगी की अंबारे लगी हुई हैं। स्टेंड परिसर में इधर उधर सभी जगहों पर कचड़ा का ढेर पड़ा हुआ हैं। इतना हीं नहीं बिजली व्यवस्था भी नहीं की गई हैं, आखिर देर रात तक कांवरियों कैसे अंधेरा में गंगा में स्नान कर अगुवानी बस स्टैंड पर खरीददारी करेंगे। अंततः सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कोई सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आ रहे हैं।

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