जेएलएनएमसीएच मे जो भी मरीज रात में इमरजेंसी मे आते हैं उसे किसी भी हालत में रेफर नहीं किया जाएगा, वह भर्ती होंगे!

जेएलएनएमसीएच मे जो भी मरीज रात में इमरजेंसी मे आते हैं उसे किसी भी हालत में रेफर नहीं किया जाएगा, वह भर्ती होंगे!

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जेएलएनएमसीएच मे जो भी मरीज रात में इमरजेंसी मे आते हैं उसे किसी भी हालत में रेफर नहीं किया जाएगा, वह भर्ती होंगे!

जूनियर डॉक्टर भी अगर कोई गलती करता है तो सीनियर डॉक्टर की होगी जिम्मेदारी!

भागलपुर से श्यामानंद सिंह की रिपोर्ट

भागलपुर।आय दिन देखा जाता है जो मरीज रात को इमरजेंसी में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचते हैं उसे या तो जूनियर डॉक्टर बाहर रेफर कर देते हैं या फिर इंतजार करने को कहते हैं इसी बाबत आज जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल मायागंज में अधीक्षक डॉ ए.के. दास के द्वारा एक विशेष बैठक की गई और उसमें कई बड़े निर्णय लिए गए ,उन्होंने कहा अब एजेंसी की अच्छी सुविधाएं मिलेगी, अब रात में मरीज को इमरजेंसी से रेफर नहीं किया जाएगा, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा की मीटिंग का मुख्य उद्देश्य था इमरजेंसी में जो काम चल रहा था उस पर किस तरह से और अच्छे सुधार से काम किया जाए ,जिससे मरीजों को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े, ऐसा ना हो कि रात में मरीज को रेफर कर दिया जाए ,बिना सीनियर डॉक्टर के देखे जूनियर डॉक्टर अब रात में मरीज को रेफर नहीं कर पाएंगे! उन्होंने यह भी कहा कि अगर मरीज हमारे पास आता है तो इमरजेंसी के लिए ही रात में आता है और हम अगर रेफर ही कर दे तो हमारी कोई जरूरत नहीं रह जाएगी इमरजेंसी वार्ड की ,उन्होंने यह भी आदेश निर्गत किया कि कोई मरीज आते हैं तो पहले जूनियर डॉक्टर एग्जामिन करेंगे फिर अपने सीनियर को बताएंगे और उसे देखेंगे !
किसी भी हालत में मरीजों को रात में रेफर नहीं किया जाएगा ,रात में लॉगिन में भी जाकर डॉक्टर मरीज को देखेंगे मरीज के डॉक्टर तक आते-आते करीब 20 से 25 मिनट लग जाता है वह समय बचत होगा, उन्होंने यह भी कहा कि जूनियर डॉक्टर भी अगर कोई गलती कर रहा है तो यह सीनियर डॉक्टर की ही जिम्मेदारी होगी इसलिए सीनियर डॉक्टर को पूर्णरूपेण सचेत रहना होगा।

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