अग्निपथ – युवाओं की बेचैनी और विरोध जायज है – गौरव राय ।। Inquilabindia

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आज जिस तरह बढ़ती जनसंख्या के बीच बेरोजगारी एक बड़ी समस्या पूरे विश्व के साथ भारत में भी है इसी बीच केंद्र सरकार के द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई जा रही अग्निपथ योजना जिसमे अब केवल 4 वर्षों के लिए ही सेना में बहाली होनी है यह कहाँ तक जायज है इसपर सवाल उठना लाजिमी है, सरकार को भले लग रहा है कि अग्निवीरों को जो नौकरी के दौरान पैकेज दिया जा रहा है और रिटायरमेंट के बाद जो राशि भी दी जा रही है वो जिंदगी जीने के लिए काफ़ी है तो सरकार का यह सोच गलत है इसका प्रमान यह है कि इस योजना की घोषणा के साथ ही हर जगह आंदोलन शुरू हो गए युवाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है युवा सड़क पर उतर गए हैं , और जल्दी इस योजना पर फिर से विचार नही किया गया तो युवा सड़क से संसद तक उग्र विरोध करेंगे यह तय है ।

अगर हम राजनीति से परे हटकर सोचें तो यूवाओं का यह विरोध जायज है , विगत 20 से 25 वर्षों में अगर हम देखे तो पूरे देश मे बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है चाहे कोई भी सरकार हो वे बेरोजगारी की बढ़ती समस्या को काबू नही कर पा रहे है चाहे कारण बढ़ती जनसंख्या या दूरदृष्टि का अभाव हो या जो और जो भी हो इसपर अभी चर्चा करना उचित नही है ।।


इन वर्षों में हम अगर देखें तो सबसे ज्यादा रोजगार और भर्ती सेना में हो रही है खासकर ग्रामीण भारत के युवा अपने मेहनत के बल पर सेना में भर्ती होते आ रहे है एक बार नौकरी लगने पर चाहे वह कोई सेक्टर हो युवा निश्चिंत हो जाते है एवं अपने उज्ज्वल भविष्य के ताने बाने बुनते रहते है ।।

अभी जो केंद्र सरकार के तरफ से सेना में अग्निपथ योजना के द्वारा जो अग्निवीर की बहाली के लिए घोषणा की गयी क्या यह वाकई स्वागतयोग्य क़दम है इसपर संसय है निश्चित तौर पर बहुत सारे सरकार के समर्थक यह कह रहे है कि यह सही है , लेकीन अगर हम राजनीति से परे हटकर एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर सोचेंगे तो इसके दूरगामी परिणाम काफी भयानक नजर आयेगा
आज जो युवा उच्चशिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ है या सुविधाविहीन है वे सेना में भर्ती के लिए कोसिस करते है
लेकिन जब उनको लगेगा कि 4 वर्ष के बाद उनका भविष्य सुरक्षित नही है तो वो पहले अन्य प्रतियोगिता में सफल होने की कोसिस करेंगें आज जहां सेना में भर्ती के लिए युवाओं की भीड़ है हो न हो कल सेना में युवा जाना नही चाहेंगें और अगर ऐसा हुआ तो परिणाम की कल्पना आप एक देशवासी के रूप में कीजियेगा तो गंभीरता समझियेगा ।


अभी सरकार के तरफ से यह कहा जा रहा है कि अग्निवीर को 4 वर्षों के बाद 25 प्रतिशत का समायोजन सेना में किया जाएगा बांकी 75 प्रतिशत को अन्य विभाग जैसे सीआरपीएफ, सीआइसफ़, असम राइफल्स सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों में बहाली में प्राथमिकता दी जाएगी कुछ राज्य सरकारों ने भी घोषणा की है कि वे अपने राज्य के सरकारी सुरक्षाकर्मियों की बहाली में प्राथमिकता देंगें अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर प्राथमिकता के अनुसार अग्निवीरों को मौका नही मिलता है तो वो क्या करेंगे यह सबसे बड़ा प्रश्न है कि नौकरी के दौरान इन 4 वर्षों में उनका आगे की पढ़ाई भी नही होगी तो फिर 21 वर्ष के बाद कौन सी पढ़ाई शुरू करेंगे और कौन सी नौकरी करेंगें, अगर हम अभी के घोषणा के अनुसार राजनीति से परे हटकर देखेंगें तो देश के भविष्य अग्निपथ पर शहीद होते नजर आ रहे है
हाँ अगर केंद्र सरकार यह घोषणा करे कि अग्निवीरों को सेना में 4 वर्षों के सेवा के उपरांत केंद्र सरकार या राज्य सरकार के यहां 100 प्रतिशत समायोजन किया जाएगा ।


या फिर केंद्र सरकार ये पालिसी लाये की आज प्राइवेट सेक्टर की बड़ी बड़ी कंपनियों अपनी सुरक्षा व्यवस्था कर लिए सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति करती है चूंकि अग्निवीर की बहाली सेना के अनुरूप ट्रेनिग के बाद कि जानी है तो सरकार एक पालिसी ये लाये की प्राइवेट सेक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अग्निवीरों की बहाली अनिवार्य करनी होगी कहने का तात्पर्य यह है कि किसी भी तरह अग्निवीर अपने सुरक्षित भविष्य की कल्पना कर सके यह सरकार को विश्वास दिलाना पड़ेगा नही तो आगे यह बात भी तय है कि अगर सरकार 100 प्रतिसत अग्निवीरों का समायोजन नही करती है तो भविष्य में सेना की बहाली में युवा नही जाना चाहेंगे और अगर ऐसा हुआ तो देश की सुरक्षा व्यवस्था की कल्पना हमलोग कर सकते है ।


एक और सवाल यह है कि अभी 2021 के आसपास जो सेना की बहाली में हजारों युवाओं का फिजिकल और मेडिकल हो गया है और दो वर्ष बीतने को है उनका लिखित परीक्षा बचा हुआ है उनका क्या भविष्य है चूंकि अगर उक्त बहाली को रद्द किया जाता है तो वो सारे अभियार्थी का उम्र अब अग्निवीर बनने को भी नही रहेगा
केंद्र सरकार को इसपर भी स्पष्ट वक्तव्य देना चाहिए जिससे कि युवाओं का संसय दूर हो सके ।
अगर आज हम जागरूक नहीं हुए तो
आने वाले समय मे अगर ऐसी पॉलिसी सभी केंद्र और राज्य सरकार या फिर प्राइवेट सेक्टर अपने यहां सभी तरह के नौकरी में अगर लागू कर दे तो फिर क्या होगा ???

✍️(स्वतंत्र विचार) – गौरव राय (जिला पार्षद) खरीक, भागलपुर

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