संवाददाता नवगछिया।नारायणपुर प्रखंड के बलाहा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर की ओर से प्रधानाचार्य शिवशंकर प्रसाद सिन्हा की अगुआई में लगातार विद्यालय के भैया-बहनों के घर पर जाकर अविभावकों से मिलकर बच्चों के शैक्षणिक, शारीरिक व सर्वांगीण विकास पर चर्चा की जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को प्रधानाचार्य नवटोलिया गाँव पहुंचकर अविभावकों से बच्चों के पढ़ाई सम्बंधित बातों की जानकारी ली गई। बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर विद्यालय को अगले आदेश यानी इक्कीस जनवरी तक के लिए बंद किया गया है। तबतक बच्चे घर पर किस तरह से अपनी पढ़ाई को दिनचर्या में शामिल करते है। इसको लेकर विद्यालय अनुशासन समिति की ओर से वर्ष में तीन बार विद्यालय के प्रत्येक बच्चों के माता-पिता से मिलकर बच्चों के पढ़ने का समय, खाने-पीने, टीवी देखने, जागरण का समय क्या है और रात्रि में सोने का समय, पढ़ाई में मन लग रहा है या नही तथा उनमें किस प्रकार की कमी है उस कमी को दूर करने का प्रयास किया जाता है। साथ ही पढ़ाई में आने वाली हर समस्याओं का हल करते हैं। बच्चों के लगातार तीन दिन विद्यालय में अनुपस्थित रहने के बाद अविलंब अविभावक से सम्पर्क किया जाता है। इस अवसर पर अविभावकों को नववर्ष की बधाई दी गई। मौके पर प्रधानाचार्य सहित आचार्य मणिकांत कुमार, रितेश रंजन, अभिनंदन कुमार, प्रीति कुमारी, रामसागर सहनी, अमित कुमार, सजन कुमार साह, राजन यादव, अरविंद याव, बहजत सिंह चौहान, शोभा देवी, रानी कुमारी, अभिलाषा कुमारी, मयंक राज, अविभावक अरविंद चौधरी, कृष्णा कुमार, कृष, परी, वैष्णव आदि उपस्थित थे।
घर घर जाकर अविभावक से मिलकर, बच्चों के दिनचर्या की ली जानकारी ।।
संवाददाता नवगछिया।नारायणपुर प्रखंड के बलाहा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर की ओर से प्रधानाचार्य शिवशंकर प्रसाद सिन्हा की अगुआई में लगातार विद्यालय के भैया-बहनों के घर पर जाकर अविभावकों से मिलकर बच्चों के शैक्षणिक, शारीरिक व सर्वांगीण विकास पर चर्चा की जा रही है। इसी कड़ी में बुधवार को प्रधानाचार्य नवटोलिया गाँव पहुंचकर अविभावकों से बच्चों के पढ़ाई सम्बंधित बातों की जानकारी ली गई। बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर विद्यालय को अगले आदेश यानी इक्कीस जनवरी तक के लिए बंद किया गया है। तबतक बच्चे घर पर किस तरह से अपनी पढ़ाई को दिनचर्या में शामिल करते है। इसको लेकर विद्यालय अनुशासन समिति की ओर से वर्ष में तीन बार विद्यालय के प्रत्येक बच्चों के माता-पिता से मिलकर बच्चों के पढ़ने का समय, खाने-पीने, टीवी देखने, जागरण का समय क्या है और रात्रि में सोने का समय, पढ़ाई में मन लग रहा है या नही तथा उनमें किस प्रकार की कमी है उस कमी को दूर करने का प्रयास किया जाता है। साथ ही पढ़ाई में आने वाली हर समस्याओं का हल करते हैं। बच्चों के लगातार तीन दिन विद्यालय में अनुपस्थित रहने के बाद अविलंब अविभावक से सम्पर्क किया जाता है। इस अवसर पर अविभावकों को नववर्ष की बधाई दी गई। मौके पर प्रधानाचार्य सहित आचार्य मणिकांत कुमार, रितेश रंजन, अभिनंदन कुमार, प्रीति कुमारी, रामसागर सहनी, अमित कुमार, सजन कुमार साह, राजन यादव, अरविंद याव, बहजत सिंह चौहान, शोभा देवी, रानी कुमारी, अभिलाषा कुमारी, मयंक राज, अविभावक अरविंद चौधरी, कृष्णा कुमार, कृष, परी, वैष्णव आदि उपस्थित थे।