रवींद्रनाथ ठाकुर ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नवगछिया इकाई के द्वारा भारत के महान क्रांतिकारी वीर सावरकर जी की जयंती के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का विधिवत संचालन एसएफएस प्रमुख ब्यूटी कुमारी ने किया। कार्यक्रम का विषय रखते हुए नगर मंत्री विश्वास वैभव ने सावरकर जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सावरकर जी का राजनीति में हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा को विकसित करने में बहुत बड़ा योगदान माना जाता है। वीर सावरकर ही थे जिन्होंने पूरे विश्व में भारत की पहचान हिंदू के रूप में बनाने के लिए हिंदुत्व शब्द को गढ़ा था। उन्होंने एक कहानी के माध्यम से बताया कि विनायक सावरकर का नाम वीर सावरकर कैसे पड़ा। सावरकर जी का संपूर्ण जीवन स्वराज के प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए बिता।
अभाविप की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य स्मृति सिंह ने कहा कि वीर सावरकर ही वही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने ही सबसे पहले 1857 के महान स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को लिखकर पूरे ब्रिटिश शासन को चौंका दिया था। उस वक्त देश की आजादी और भारतीय समाज के भीतर हिंदू धर्म में हो रहे तमाम उथल-पुथल के बीच एक शख्स ऐसा भी था, जिसने हिंदू धर्म के उस स्वरूप को देश की जनता के सामने रखा, जिसे खुद भारत ने नहीं पहचाना था। ये दुनिया के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदू धर्म को राजनीतिक रूप से संगठित करने का प्रयास शुरू किया और हिंदुत्व की विचारधारा की नींव रखी। इनका व्यक्तित्व न केवल एक क्रांतिकारी था, बल्कि हिंदू समाज के लिए युगप्रवर्तक की भूमिका में सामने आया।
सावरकर भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के बेहद अहम सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे।
एक स्वाधीनता-संग्रामी के साथ ही सावरकर चिन्तक, लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता और राजनेता भी थे। भारतीय सभ्यता के इतिहास में सावरकर एकमात्र ऐसे इतिहासकार भी रहे हैं, जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना देश के सामने रखी।
विश्वविद्यालय संयोजक संजय झा ने बताया कि सावरकर जी को अंडमान में कालापानी के तहत दो बार उम्रकैद की सजा दी गई।उन्होंने बताया कि सावरकर जी के बारे में सुनकर उनकी बातों को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
धन्यवाद ज्ञापन छात्रा सह प्रमुख अनुप्रिया ने किया। वेबिनार में अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राहुल शर्मा, शिवम, विश्वजीत, राहुल गुप्ता, अभिषेक, काजल सहित कई छात्र/ छात्रा शामिल हुए।