राजस्थान में अलग-अलग तरह की परंपराएं और रीति-रिवाज प्रचलित हैं. इनमें से कई तो ऐसे हैं, जिन पर आम तौर पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही एक निराली परंपरा बाड़मेर के देरासर गांव में है. यह परंपरा है प्रत्येक पुरुष को दो पत्नियां रखने की. हैरान करने वाली बात यह है कि दूसरी पत्नी मजबूरी में लानी पड़ती है. राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक छोटा सा गांव देरासर है. इसमें 100 से भी कम मुस्लिम परिवार ही रहते हैं. दरअसल यहां हर आदमी को दो शादियां करनी पड़ती हैं. हालांकि, बदलते वक्स के साथ यह पुरानी परंपरा भी खत्म होने लगी. ग्रामीणों का मानना है कि कभी गांव में ऐसी परंपरा प्रचलित थी.
यूं तो दुनिया में कई ऐसे रीति रिवाज हैं जिस पर लोग यकीन नहीं करते, लेकिन यह सच होता है. यह परंपरा है दो पत्नियां रखने की. दो शादियां करना इस गांव के लोगों की मजबूरी होती थी. हालांकि इसके पीछे की कहानी हैरान करने वाली है. ग्रामीण मानते थे कि इस देरासर गांव में जो व्यक्ति दो शादियां नहीं करता, वह संतान सुख से महरूम रहता है.
अजीब परंपरा को लेकर गांव में थी ऐसी मान्यता
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पहली शादी के बाद लोग दूल्हे की दूसरी शादी करवाते थे. दूसरी शादी होने के पीछे कोई मामूली वजह नहीं है. लोग मानते हैं कि इस गांव में पहली शादी से कभी भी किसी को बच्चा नहीं हुआ है. इसलिए यहां के दूल्हों की दूसरी शादी करवाई जाती है. गांव वालों का मानना है कि दूसरी पत्नी से ही संतान सुख मिलता है. इस परम्परा को गांव के लोग मेहर बताते हैं.
पहली पत्नी को दूसरी के कोई समस्या नहीं होती लोगों का कहना है कि इस गांव में पहली पत्नी को अपने पति की दूसरी पत्नी से कोई समस्या नहीं होती. दोनों पत्नियां बड़े ही आराम से एक दूसरे के साथ रहती हैं. हालांकि इस गांव में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी पहली पत्नी के होते हुए दूसरी औरत से शादी नहीं की और इन लोगों की अब तक कोई संतान नहीं है.