खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत तेमथा करारी पंचायत के सिराजपुर गांव निवासी शंभू कुमार चौधरी और शिक्षिका रेमी कुमारी के पुत्र अमृत आनंद यूक्रेन से सुरक्षित घर पहुंचने पर परिवार वाले सहित समस्त ग्राम वासियों के उदासीन चेहरे पर खुशियां की लहर दौड़ पड़ी । जानकारी के अनुसार अमृत आनंद अपने गांव से मेडिकल की पढ़ाई करने हेतु यूक्रेन गया हुआ था और फोर्थ इयर की पढ़ाई कर रहा था। जहां अचानक बमबारी जैसे युद्ध छिड़ने से अफरा तफरी का माहौल बनने पर छात्रों और छात्रों के परिजनों के चेहरे पर काफ़ी डर और भय सता रही थी ।
वहीं छात्र अमृत आनंद ने बताया कि भारत सरकार के द्वारा मिली सहयोग के बदौलत युक्रेन मेडिकल यूनिवर्सिटी सह सभी भारतीयों को फोन के जरिए मैसेज और कॉल आने के बाद हॉस्टल के पास आई गाड़ी से यूक्रेन और भारत के बॉर्डर के समीप पहुंचा । जहां से कुछ दूरी पैदल चलने के बाद अपने वतन भारत में प्रवेश करने को मिला। जहां बॉर्डर के कैंप में रहने के बाद इंडिया बॉर्डर से रोमानिया के लिए रवाना हुआ। रोमानिया में पहुंचने के बाद वहां काफी ज्यादा संख्या में इंडियन स्टूडेंट्स रहने के कारण नंबरिंग सिस्टम से 2 दिन के बाद दो दिनदिन की इंतजार के बाद रोमानिया से दिल्ली के लिए हवाई यात्रा के माध्यम से दिल्ली पहुंचा। जहां भारत सरकार के द्वारा मिली व्यवस्था के अनुसार दिल्ली से एयरपोर्ट के रास्ते पटना पहुंचा। जहां से बिहार सरकार के द्वारा किए गए वाहन व्यवस्था के जरिए हर एक स्टूडेंट्स के लिए लिए घर-घर तक वाहन की नि: शुल्क व्यवस्था मिलने के बदौलत अमृत आनंद अपने घर बीते 2:00 बजे रात को अपने घर सुरक्षित आया।
वहीं छात्र अमृत आनंद के पिता शंभू कुमार चौधरी ने बताया कि युक्रेन में हुई इस हलचली और बमबारी की सुचना से दिलों में काफी भय और घबराहट बनी हुई थी। जिसके कारण अपने बेटे और हिंदुस्तान के सैकड़ों मां पिता के बेटे को सुरक्षित घर पहुंचने को लेकर चिंतित थे। लेकिन जब भारत सरकार के अपार सहयोग से सैकड़ों मां पिता के बेटे और बेटियां को सुरक्षित अपने वतन हीं नहीं बल्कि घर घर तक पहुंचाने का नि: शुल्क व्यवस्था किया तो बहुत ख़ुशी हुई और भारत सरकार और बिहार सरकार ने यह नेक कार्य कर हम लोगों का दिल जीत लिया है। वहीं मौजूद अमृत आनंद के मां रेमी कुमारी ने बताई कि थोड़ी देर विचलित तो जरूर थी, क्योंकि नेटवर्क की समस्या के कारण बातें बीच बीच में ना होने पर दिल दुखी कर दिया करती थी। लेकिन जब भारत सरकार के अपार सहयोग के बदौलत मेरा बेटा हीं नहीं बल्कि सैकड़ों मां के बेटे को सुरक्षित घर पहुंचने एकदम खुशी की बात है और हमलोग अपने बच्चे को सकुशल घर पहुंचने को लेकर पुरा खुश हुं।
अंततः इनके परिवार और पूरे गांव वाले के घरों में खुशियां का माहौल बना हुआ है। छात्र अमृत आनंद और इनके परिवार वाले सहित समस्त ग्रामवासियों ने यूक्रेन से घर तक नि: शुल्क सहयोग करने वाले भारत सरकार और बिहार सरकार आभार प्रकट कर रहे हैं।