मेरे
जीवन आधार
मेरे पिता हैं
शत नमन
आपको
आप
सारथी हैं
जीवन रथ के
पार लगते
सदा
वंदन
हे पिता
ह्रदय से करता
मांगू आपकी
आशीष
पाया
आपसे मैंने
उपहार जीवन का
क़र्ज़ कैसे
चुकाऊंगा
करूँगा
सेवा आपकी
अपना हर फ़र्ज़
मन से
निभाउंगा
आप
सदा बचाते
बन कर ढाल
स्वयं कष्ट
सहते
हम
रहे सदा
जीवन में खुशहाल
प्रयत्न यही
करते
मैं
करता वादा
आदरणीय पिता आपसे
सदा रहूँगा
साथ
नंदिनी लहेजा
रायपुर(छातीसगढ़)