नवोदय के सितारे फिर चमके- पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन में यादों का कारवां

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नारायणपुर: जवाहर नवोदय विद्यालय नगरपारा में रविवार को आयोजित पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन ने बीते दिनों की यादों को ताजा कर दिया। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्साह से लबरेज माहौल में पुरानी दोस्तियां नई ऊर्जा के साथ जी उठीं। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व प्राचार्य रोशन लाल और उप प्राचार्य एस. के. चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

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“पुरानी यादें, नई उम्मीदें”

प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मेलन सिर्फ पुराने छात्रों से जुड़ने का माध्यम नहीं, बल्कि उनकी सफलताओं और उपलब्धियों से प्रेरणा लेने का अवसर भी है। उन्होंने नवोदय विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों का जिक्र करते हुए आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

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“सफलता की कहानी, अपनेपन की जुबानी”

सम्मेलन में 31 पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इनमें डॉ. रामा शेखर, डॉ. चंदन कुमार, डॉ. संकेत राज, डॉ. अमृता कुमारी (असिस्टेंट प्रोफेसर, सबौर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी), इंजीनियर निश्चल, मेरीन इंजीनियर शिव शंकर चौधरी, भारतीय नौसेना के सार्जेंट प्रवीण कुमार जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल थे।

इंजीनियर विपिन गुप्ता और कस्टम इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने सभी पूर्व छात्रों का परिचय कराते हुए उनकी उपलब्धियों को साझा किया। कई सालों बाद पुराने दोस्तों से मिलकर सबकी आंखें नम हो गईं, लेकिन चेहरे पर मुस्कान बरकरार थी।

“मैत्री क्रिकेट: जीत दोस्ती की”

सम्मेलन के खास आकर्षण में मौजूदा छात्रों और पूर्व छात्रों के बीच मैत्री क्रिकेट मैच भी शामिल था। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद पूर्ववर्ती छात्रों की टीम विजयी रही। मैदान पर खेल की स्पर्धा और हंसी-ठिठोली ने सभी को फिर से किशोरावस्था की याद दिला दी।

“विदाई, लेकिन नए वादे के साथ”

कार्यक्रम का समापन भारी मन और नए वादों के साथ हुआ। सभी ने सहमति जताई कि अगला सम्मेलन और भी भव्य और उत्साहपूर्ण होगा। यह आयोजन सिर्फ पुराने दिनों को याद करने का नहीं, बल्कि उम्मीदों और विश्वास का नया आकाश गढ़ने का जरिया बन गया।

“शिक्षकों का समर्पण, सफलता का आधार”

विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं और शिक्षकेतर कर्मचारी इस आयोजन के सफल संचालन के लिए बधाई के पात्र हैं। उनके सहयोग से यह सम्मेलन एक यादगार आयोजन बना।

“यह सम्मेलन केवल यादों का जश्न नहीं था, बल्कि यह नवोदय की भावना और एकजुटता का प्रतीक भी था।”

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