भागलपुर जिले बिहपुर प्रखंड के किसान नकली मक्का बीज का एक बार फिर शिकार हो गये। बिहपुर प्रखंड के हरियो एवं कोसी दियारा के खेत में लगी मक्का की फसल में दाना नहीं होने से किसान हक्का-बक्का हैं। मामले में जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि जांच कराकर सरकार को रिपोर्ट भेजी जायेगी। कृषकों के मुताबिक ज्यादातर खेतों में लगाए मक्का नुजिवीडू विनर 8352 में दाना कम आने की शिकायत है।
पिछले 4 वर्षो से लगातार प्राकृतिक आपदा से किसान परेशान हैं। बाढ़, ओलावृष्टि व सुखाड़ से कृषक अभी उबरे भी नहीं थे कि रबी फसल मक्का में दाना नहीं आने से किसान हताश हैं। विगत वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी। इस बार भी मक्का किसानों ने अपनी आर्थिक बदहाली सुधारने के लिए अधिक रकबा में मक्का की खेती की, लेकिन फसल में दाना नहीं देख कृषकों का बुरा हाल है।
जानकारी के अनुसार केला के बाद यहां के किसान मक्का की खेती करते हैं, लेकिन पिछले दो वर्षो से दाना नहीं होने से कृषकों की हालत बदतर हो गयी है। फसल प्रभावित होने वाले में हरियो गांव के सिंटू कुमार सिंह ने 4 बीघा में मक्का लगाया है। जिसमें नब्बे प्रतिशत भुट्टा में दाना निकला ही नहीं है। इसी प्रकार कोसी दियारा के कृषक नीरज कुमार सिंह, राधे कुमार सिंह सहित दर्जनों किसान की लगभग नब्बे एकड़ में लगी फसल में दाना कम आया है। कमोबेश हरियो पंचायतों में अधिकांश मक्का किसानों की यही हाल है।
हालांकि प्रखंड के कृषक मक्के की लहलहाती फसल को देख क्षेत्र के कृषकों की बाछे खिल उठी थी। लेकिन अब मक्का में दाना नहीं देख किसानों के पैरों तले की जमीन खिसक गयी है। कृषक बीज कंपनियों को दोषी ठहरा रहे हैं। जबकि जिला कृषि विज्ञान केन्द्र के डा. कुमार ने बताया है कि पौधे की लैब में जांच कर ही दाना नहीं आने के सही कारणों का पता लग सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मक्का में दाना नहीं आने से 5-10 कारण हो सकते हैं। तापमान की कमी, नकली बीज, समय पर पोषक तत्व न मिलना या एक खेत में लगातार एक ही फसल लगाने जैसे कारण भी हो सकते हैं, जिसका पता जांच से ही चल पायेगा। बहरहाल मक्का फसल में दाना न आने को लेकर कृषक परेशान, हताश व मायूस हैं।