श्रवण आकाश, खगड़िया
खगड़िया जिला के विभिन्न प्रखंडों के साथ ही साथ परबत्ता प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत समस्त गांवों में नवविवाहिता महिला ने अखंड सौभाग्यवती का पर्व हरितालिका तीज काफी श्रद्धा विश्वास एवं उल्लास के साथ मनाया। वही पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा। इस अवसर पर कुंवारी युवतियां ने भी व्रत रखकर अच्छे वर की कामना की। बताते चलें कि शाम को खासकर नवविवाहिता महिला एवं युवतियां सज-धजकर व श्रृंगार करके विधि विधान से शिव पार्वती का पूजन अर्चना किया और मंगल गीत गाई । इस अवसर पर महिलाओं व युवतियों ने अपनी हाथों में तरह-तरह की डिजाइन की मेहंदी भी लगाई। साथी हीं साथ नए कपड़े व आभूषण से सच सांवरकर पूजन किया और व्रत की पौराणिक कथा सुनी।
हरितालिका व्रत सोमवार के दिन होने से ज्यादा पुण्यदाई रहा। मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती का जन्म हुआ था और महिलाओं को सौभाग्य प्रदान करने का वरदान मिला था, वर्ती महिलाओं ने मनोकामना की प्राप्ति के लिए शिव मंदिरों में पूजा अर्चना की। साथ ही साथ फल खीरा मिठाईयां वस्त्र सुहाग आदि सामग्रियां दान भी किया।
हरियाली तीज का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया और परंपरागत रीति रिवाज को जीवंत करते हुए आधुनिकता पर करारा प्रहार किया है। महिलाओं ने कहा है कि आधुनिकता के इस युग में जहां युवा अपनी बहनों को कोथली भेजने की बजाय उन्हें ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की रीत को अपना रहे हैं और इस रीत का वे विरोध करती हैं। तीज के मौके पर खगड़िया के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र में महिलओं और कुंवारी लड़कियों ने मिलकर न केवल परंपरागत तीज को मनाया बल्कि कई पीढ़ी एकत्रित हुई और आसपास की महिलाएं भी शामिल हुई है।
वहीं लगातार परंपरागत हरियाली तीज को मनाने वाली महिलाओं का कहना है कि सदियों से यह त्यौहार खगड़िया जिला हीं नहीं बल्कि पुरे बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लेकर भाई अपनी विवाहित बहन के घर कोथली लेकर जाता है, लेकिन यह रिवाज भी ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के चलते आधुनिकता में सिमट कर रह गया नवविवाहिता महिला ने काफी आस्था एवं विश्वास के साथ मनाई अखंड सौभाग्यवती का पर्व हरितालिका तीज
खगड़िया जिला के विभिन्न प्रखंडों के साथ ही साथ परबत्ता प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत समस्त गांवों में नवविवाहिता महिला ने अखंड सौभाग्यवती का पर्व हरितालिका तीज काफी श्रद्धा विश्वास एवं उल्लास के साथ मनाया। वही पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा। इस अवसर पर कुंवारी युवतियां ने भी व्रत रखकर अच्छे वर की कामना की। बताते चलें कि शाम को खासकर नवविवाहिता महिला एवं युवतियां सज-धजकर व श्रृंगार करके विधि विधान से शिव पार्वती का पूजन अर्चना किया और मंगल गीत गाई । इस अवसर पर महिलाओं व युवतियों ने अपनी हाथों में तरह-तरह की डिजाइन की मेहंदी भी लगाई। साथी हीं साथ नए कपड़े व आभूषण से सच सांवरकर पूजन किया और व्रत की पौराणिक कथा सुनी।
हरितालिका व्रत सोमवार के दिन होने से ज्यादा पुण्यदाई रहा। मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती का जन्म हुआ था और महिलाओं को सौभाग्य प्रदान करने का वरदान मिला था, वर्ती महिलाओं ने मनोकामना की प्राप्ति के लिए शिव मंदिरों में पूजा अर्चना की। साथ ही साथ फल खीरा मिठाईयां वस्त्र सुहाग आदि सामग्रियां दान भी किया।
हरियाली तीज का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया और परंपरागत रीति रिवाज को जीवंत करते हुए आधुनिकता पर करारा प्रहार किया है। महिलाओं ने कहा है कि आधुनिकता के इस युग में जहां युवा अपनी बहनों को कोथली भेजने की बजाय उन्हें ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की रीत को अपना रहे हैं और इस रीत का वे विरोध करती हैं। तीज के मौके पर खगड़िया के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र में महिलओं और कुंवारी लड़कियों ने मिलकर न केवल परंपरागत तीज को मनाया बल्कि कई पीढ़ी एकत्रित हुई और आसपास की महिलाएं भी शामिल हुई है।
वहीं लगातार परंपरागत हरियाली तीज को मनाने वाली महिलाओं का कहना है कि सदियों से यह त्यौहार खगड़िया जिला हीं नहीं बल्कि पुरे बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लेकर भाई अपनी विवाहित बहन के घर कोथली लेकर जाता है, लेकिन यह रिवाज भी ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के चलते आधुनिकता में सिमट कर रह गया है। बुजुर्गों और परंपरागत तीज मनाने वाली महिलाओं का कहना है कि प्रत्येक भाई को अपनी नवविवाहिता बहन के घर अवश्य जाना चाहिए। इससे न केवल आपसी प्रेमभाव और प्यार बढ़ता है। बल्कि सुख-दुख की बातें भी एक दूसरे के साथ साझा करने का वक्त मिलता है।। बुजुर्गों और परंपरागत तीज मनाने वाली महिलाओं का कहना है कि प्रत्येक भाई को अपनी नवविवाहिता बहन के घर अवश्य जाना चाहिए। इससे न केवल आपसी प्रेमभाव और प्यार बढ़ता है। बल्कि सुख-दुख की बातें भी एक दूसरे के साथ साझा करने का वक्त मिलता है।