वो जिन्दगी ही क्या जो कट जाए आसान से|
जिन्दगी वह नही है,
जिसमें कोई चुनौती न हो,
जैसे एक आवारा पशु ,जानवर जैसी जिंदगी है जो स्वयं आराम से अपने पेट की चिंता करते हुए पेट भरकर चिंता मुक्त जीवन व्यतीत करता है वह परिवार समाजदेश एवं स्वयं की इज्जत की चिंता नही रहती क्योंकि वह जानवर है मानव नही बुद्धि, विवेक प्रकृति ने नही दिया यदि भी है तो सूक्ष्म केवल खुद जीने मात्रका विवेक दिया है| किन्तु मानव के साथ समाज, परिवार, देश सभी जुड़ा है सबके लिए चिंता करना हमारा मानव धर्म है संसार का सारा ज्ञान चैतन्यता सम्पूर्ण गुण प्रकृति प्रदत्त है इसलिए जिन्दगी न आसान है न आसानी से काटना नहीं चाहिए सदा अपने कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए पुरुषार्थ के ओर अग्रसर रहें यही हमारा मानव धर्म है|
अमरनाथ सोनी “अमर “