

पुत्र प्रियांशु के द्वारा मृत जवान को मुखाग्नि देने के बाद हीं पंचतत्व में विलीन

श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिले के परबत्ता के लाल सह थल सेना के जवान पप्पू सिंह की उत्तरवाहिनी अगुआनी गंगा घाट में हुआ राजकीय सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार। वहीं अंतिम यात्रा के दौरान थल सेना के जवान पप्पू सिंह के पार्थिव शरीर सेना के अधिकारी एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव सलारपुर पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन के लिए सलारपुर गांव सहित कई अन्य गांवों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जहां मौजूद युवाओं ने पप्पू सिंह अमर रहे, भारत माता की..जय आदि कई का नारे लगाते नजर आए ।



वहीं सेना के जवान का पार्थिव शरीर के साथ चल रहा काफिला जैसे ही खगड़िया पहुंचा कि वैसे ही युवाओं और बुजुर्गों का झुंड महेशखुंट पड़ पहुंच गया। जहां से धीरे – धीरे जवान पप्पू सिंह का काफिला बढ़ते गए और वहीं महेशलेट मोर पहुंचते – पहुंचते दर्जनों की संख्याओं में मोटरसाइकिल सवार युवक – बुजुर्ग और बच्चे अपने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर काफिला में शामिल हो गए। इसके पश्चात जवान का पार्थिव शरीर कुल्हड़िया गांव होते हुए सलारपुर गांव पहुंचा। जहां अंतिम दर्शन के लिए इंटरस्तरीय जगन्नाथ राम उच्च विद्यालय सलारपुर के मैदानों में कुछ देर दिगंवत पप्पू सिंह का काफिला रुका, जहां मौजूद लोगों ने पुष्प अर्पित कर जवान को श्रद्धांजलि दिया। जिसके बाद वहां से अंतिम यात्रा उत्तरवाहिनी अगुवानी गंगा घाट की तरफ चल दिया। इस दौरान यह काफिला सलारपुर गांव से बिशौनी, उदयपुर, करना, परबत्ता बाजार, सिराजपुर, श्रीरामपुर ठूठ्ठी, डुमरिया बुजुर्ग के मुख्य मार्ग पर लोगों की भीड़ बढ़ती गई। सलारपुर गांव से उत्तरवाहिनी अगुआनी गंगा घाट तक के करीब 14 किलोमीटर के रास्ते में लोग भारत माता के सपूत अमर रहे, पप्पू सिंह अमर रहे, भारत माता की जय आदि का नारे से इलाका गुंजायमान हो गया था।



प्राप्त जानकारी अनुसार शहीद का पार्थिव शरीर आने के पूर्व महेशलेट मोड़ के समीप खड़े सैकड़ों लोग प्रशासनिक अधिकारी के नहीं पहुंचने से अपनी नाराजगी व्यक्त की। मामले को लेकर जिला परिषद् सदस्य जयप्रकाश यादव ने जिले के वरीय अधिकारी से शिकायत करते हुए आक्रोश व्यक्त किया। हालांकि बाद में डीएम के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारीगण वहां पर पहुंचे। इसके पश्चात उत्तरवाहिनी अगुआनी गंगा घाट तट पर सेना के जवान पप्पू कुमार सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सैनिक सम्मान के साथ किया गया। जहां अंतिम संस्कार में उपस्थित सेना के अधिकारी के नेतृत्व में जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया तथा सेना के अधिकारी ने उनके भाई को तिरंगा समर्पित किया । तत्पश्चात 12 वर्षीय पुत्र प्रियांशु ने अपने पिता को मुखाग्नि दी, जिसके बाद जवान का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।



प्राप्त जानकारी अनुसार थल सेना के जवान पप्पू कुमार सिंह की सेवा काल के दौरान हीं लंबी बीमारी के कारण लखनऊ के विभागीय अस्पताल में देहांत हो जाने हो गया था। जिनका गुरुवार को उनके पुत्र प्रियांशु कुमार ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। ये तीन भाईयों में सबसे छोटा भाई था। जिनका 1999 में 86 आर्मेड युनिट संतावन दी ग्रेट में चयन हुआ था। मृतक का एक बड़ा भाई अंगद सिंह, लुधियाना पंजाब में अधिकांशतः रहते हैं। जबकि दूसरा भाई मुन्ना सिंह गांव में ही किसान का काम कर अपना जीवन यापन करते हैं। इतना हीं नहीं दिगंवत पप्पू कुमार सिंह की शादी परबत्ता प्रखंड के हीं करना गांव निवासी सुबोध सिंह की पुत्री प्रीति कुमारी के साथ संपन्न हुई थी। वर्तमान में ये हिसार राजस्थान में यह कार्यरत था। वहीं जवान पप्पू सिंह की पत्नी प्रिती कुमारी इलाज के दौरान अपने पति को किडनी भी डोनेट की थी। ईश्वर की मर्जी अनुसार मृतक अपने पीछे 1 पुत्र प्रियांशु कुमार एवं एक पुत्री मुस्कान कुमारी और अपनी पत्नी प्रीति कुमारी को छोड़ गया। उनके निधन पर सलारपुर गांव सहित पुरे क्षेत्रों में शोक की लहर व्याप्त हैं।



वहीं अंतिम यात्रा के दौरान परबत्ता थाना के समीप एसडीओ अमन कुमार सुमन, डीएसपी मनोज कुमार, बीडीओ अखिलेश कुमार, परबत्ता थाना के प्रभारी धर्मेंद्र कुमार पाल ने पुष्प अर्पित कर जवान को श्रद्धांजलि दिया। जबकि बीडीओ अखिलेश कुमार एवं परबत्ता थाना की पुलिस अंतिम संस्कार तक मुस्तैद दिखें। इतना हीं नहीं उत्तरवाहिनी अगुवानी गंगा घाट तट पर अंतिम संस्कार के दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थीं।