ऐतिहासिक थाना भवन के सामने बह रहा नाला का पानी, संज्ञान लेने वाला कोई नहीं, शहरवासी परेशान।

ऐतिहासिक थाना भवन के सामने बह रहा नाला का पानी, संज्ञान लेने वाला कोई नहीं, शहरवासी परेशान।

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शशांक कुमार सुमित/तारापुर/मुंगेर। केंद्र सरकार और बिहार सरकार अपने देश और राज्य में लाख ग्रीन सिटी क्लीन सिटी की बात कर लें ,लेकिन यह दावे सरजमीं पर नही दिखती। इसी क्रम में तारापुर जो शहीदों की धरती कहलाती है। ऐतिहासिक तारापुर थाना भवन जिसका जिक्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” में किया था, उसी थाना भवन के आगे नाला का गंदा पानी और कीचड़ का अंबार हो चुका है। जबकि यह थाना मुख्य राजमार्ग-22 सटा हुआ है जो तारापुर से देवघर जाती है, यहां तकरीबन 10 दिनों से नाले का गंदा पानी रोड पर भर चुका है पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं है। जिस कारण राहगीर बड़ी छोटी वाहन और ज्यादातर वहां पर मौजूद दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही है। दुकानदारों का शिकायत है कि तकरीबन 10 दिनों से यहां पर कीचड़ और नाला का पानी जमा है जो काफी बदबू भी करता है मच्छर भी काफी लगता है दर लगता है कि कोई बीमारी ना फैल जाए, आम लोगों को चलने में परेशानी भी हो रही है। जिस कारण हमारी दुकानदारी प्रभावित हो रही है, हमारे दुकान में ग्राहक नहीं आते हैं गाड़ी लगाने की जगह नहीं है साइकिल लगाने की जगह नहीं है जिस कारण हमारा दुकानदारी ठप हो चुका है। लेकिन इस परेशानी को कोई सुनने वाला नहीं 10 दिन से स्थिति ज्यों की त्यों है। लेकिन इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है। वही इस संबंध में विधायक डॉक्टर मेवालाल चौधरी ने बताया कि ग्रीन सिटी क्लीन सिटी सिर्फ सरकार ही नहीं लागू कर सकती जनता को उनका साथ देना चाहिए और जहां तक अब साफ सफाई के बाद है तारापुर अब नगर पंचायत बन चुका है, इसमें फंड की कमी नहीं है इसे लागू होने के बाद काफी फंड आ जाएगा। जब यह लागू हो जाएगा फिर साफ सफाई भी उतनी अच्छी होगी आने वाले समय में जो भी यहां के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी होंगे उन्हें पैसे की कमी नहीं होगी साफ-सफाई अच्छे से होगा। विधायक जी ने पत्रकारों से बात करते हुए गोल मोल जवाब दिया है जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह समस्या दूर होगी या नहीं। जबकि गौरतलब यह है कि ऐतिहासिक तारापुर थाना भवन के ठीक सामने में 10 दिनों से यह गंदगी भरी हुई है, जब पुलिस प्रशासन के आंख के सामने ही ऐसी व्यवस्था हो तो आम पब्लिक का क्या होगा ?

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