कविता ॥ तेरा संग ॥
रचना ॥ उदय किशोर साह॥
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
बस इतना ही संग हो
हमारा तुम्हारा
हमारा तुम्हारा
हर मोड़ पे
साथ तुम देना
जब तक जीवन होहमारा
सूरज बदले
चंदा बदले
या बदले जग सारा
प्रकृति बदले
नीयत बदले
या बदले ये तारा
तेरी आँचल में
होये अंतिम साँस हमारा
श्री राम की धरती
घनश्याम की धरती
ये कायनात है सारा
दुनियाँ रूठे
तुम ना रूठे
ये विश्वास है हमारा
तेरे मेरे आगोश में
गुजरे ये जीवन सारा
बस इतना ही संग हो
हमारा तुम्हारा
हर मोड़ पे
साथ तुम देना
जब तक जीवन
हो हमारा
उदय किशोर साह
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
9546115088