सोच सोच की बात है। पूछने वाला भी कितना शातिर है कि सही चीज़ पूछने के लिए भी युक्ति लगा रहा है। अरे भाई जिनके माथे में भूसा भरा होगा वो गलत उत्तर देगा। हम तो उस सनातन संस्कृति के पूजक है जहाँ नारी तू नारायणी के दर्शन करते है तो नारी के सम्मान की ही बात करेंगे।

उम्र में बड़ी माताओं और बहनों, भाभीयों के चरण स्पर्श करने से शौभाग्य की प्राप्ति होती है। व्यक्ति के जीवन में उत्तरोत्तर प्रगति होती है। इसलिए प्रतिदिन नारी/स्त्री, मां, भाभी, चाची, बहन के श्रीचरणों में प्रणाम करके घर से निकलना चाहिए। कहते है कि नारी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए लक्ष्मी को सदैव प्रसन्न रखना ही चाहिए ताकि जीवन आनंद से भरपूर रहे। ।माँ के चरणों में चारों धाम बसते हैं। अतः चारों धाम की यात्रा का पुण्य लेने प्रणाम की प्रथा बनाये रखे।