सर्द कि ठंडी -ठंडी हवाएँ यूँ मचलती हैं फ़िज़ाये,,,
दूर सूरज कि किरणें करतीं शीतल लहरी को यूँ गर्माहट हवाएँ,,,,,
ये सर्द ठण्डी हवाएँ के झोंका हैं थोड़ा- थोड़ा उनके प्यार का भी धोका हैं,,,,,,,
ये सर्द कि रातें, ये ठण्डी हवाएँ
साथ में तुम ,ये बेईमान मौसम, मचलता जाये ये हवाएँ,,,,,,,
ये सर्द ठण्डी हवाएँ हमे कहीं भिगो ना दे मस्त फ़िज़ाये,,,,,,
सर्द ऋतु का मौसम हैं ,बहका- बहका मेरा मिज़ाज हैं, कर दे न ये दिल बेताब ,ये सर्द ठण्डी मौसम का फ़रमान हैं,,,,
ये ठण्डी- ठण्डी हवाएँ दिलाती उनकी यादें ,ये दिसंबर कितनी खूबसूरत लाये प्यार के ,ये छुपा हुआ एहसास हैं,,,,
ये सर्द ठण्डी हवाएँ जब हमको छु कर जाती हैं ,दिल में उनकी तड़प कि एहसास को उठा जाती हैं,,,,
पहले मैं अकेले ही उन्हें पुकार लिया करतीं थीं, अब ये सर्द ठण्डी हवाएँ उनकों पुकारा लिया करतीं हैं। ।।
मेरे अल्फाज -ishika Gupta