सब तू ही तो है माँ

सब तू ही तो है माँ 🌺 देखूँ जब तेरी ओर भवानी, लगे जैसे तुझमें मेरी माँ है समाई, आँखों से फिर बहने लगे हैं पानी॥ 🌺 बड़ा रहस्य कोई छिपा है तुझमें माँ, सब माओं से तेरी छवि मिलती हैं, एक जैसी ही लगती है सबकी कहानी॥ 🌺 प्रकृति भी तेरी ही गुण रखती…

सब तू ही तो है माँ

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देखूँ जब तेरी ओर भवानी,
लगे जैसे तुझमें मेरी माँ है समाई,
आँखों से फिर बहने लगे हैं पानी॥
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बड़ा रहस्य कोई छिपा है तुझमें माँ,
सब माओं से तेरी छवि मिलती हैं,
एक जैसी ही लगती है सबकी कहानी॥
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प्रकृति भी तेरी ही गुण रखती है,
देती ही रहती ये हमारी धरती है,
बात नहीं रही अब तो ये अनजानी॥
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धारण तारण सब तू ही करती है,
सृष्टि की तू ही कारण रहती है,
तेरी कृपा से न रहे कोई अज्ञानी ॥
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वाग्देवी तू ही ज्ञान भरती हो,
लक्ष्मी स्वरूपा तुम्हीं गागर भरती हो॥
रक्षा करने वाली तू काली कल्याणी॥
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देते नहीं तुझको कुछ लेते ही रहते है ,
तुझको ही दिन रात गहते रहते है,
छोड़ नहीं पाते हम कभी अपनी नादानी॥
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तुझसे दूर संसार में हम खेलते रहते हैं,
तेरी निगाहों से कब हम छिपे रहते हैं,
हंस के भुलाती तू हमारी हर मनमानी॥
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तुझसे अलग हम चाहे जितना रहते है,
ज़िंदगी की शाम तेरे ही गोद चढ़ते हैं😭,
“रश्मि” पुकारे माँ माँ मृदु वाणी॥
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रश्मि सिन्हा “ शैलसुता”
ऑटवा, कनाडा
स्वरचित , मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
दिनांक २७ सितम्बर २०२२
११ बजे रात कनाडा समय EST

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