संबल

पूनम सिंह

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हे मां
जब कहीं ना दिखे आशा,
हर तरफ निराशा
तब एक तू ही बनी मेरा सहारा।
जब भी कोई उलझन आए।
जब भी दुख का बादल छाए।
तब तू ही संबल बनकर ,हर उलझन को सुलझाए
तेरी महिमा का मैं कैसे करूं बखान,
हमेशा तू करती मेरा कल्याण।
मां पुत्री सा नाता रखती,
हर दुखियन को देती सहारा,
कैसे करूं तेरा वंदन।
क्या मैं करूं तुझे अर्पण
सब तो तेरा ही है माता
तन भी तेरा धन भी तेरा
तेरे चरणों में मेरा सर्व समर्पण।
जय माता दी 🙏

✍️पूनम सिंह
वायु सेना नगर नागपुर
(महाराष्ट्र)स्वरचित मौलिक

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